आयुर्वेदिक ज्ञान

खाना खाने का सही समय क्या है? 🤔
👉 स्वस्थ जीवन के लिए समय बहुत महत्वपूर्ण कारक है, सही समय पर सही काम करना ही कल्याण की कुंजी है।
👉 भोजन करने के समय के बारे में आयुर्वेद का पहला नियम यह है कि जब आपको भूख लगे तब खाएँ और जब पिछला भोजन पच जाए तब खाए ।
👉रोजाना फिक्स समय पर खाएं, यह आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
👉एक स्वस्थ व्यक्ति या संतुलित अग्नि वाले व्यक्ति को दिन में दो बार खाना चाहिए, कम पाचन अग्नि वाले व्यक्ति को एक बार खाना चाहिए और मजबूत पाचन अग्नि वाले व्यक्ति को दिन में तीन बार या चार बार खा सकते हैं।
👉सूर्योदय के 3 घंटे बाद भोजन करें और रात का खाना सूर्यास्त से पहले होना चाहिए।
👉 भोजन करने के 3 घंटे बाद तक कुछ नहीं खाए।
👉6 घंटे से अधिक कुछ खाए या पीए बिना न रहें।
👉 दिन का भोजन 10 से 11 बजे के बीच , और रात्रि भोजन 6से 7 बीच करे।
👉 भोजन और भूख का समय मौसम पर भी निर्भर करता है जैसे शरद ऋतु की भूख अधिक होती है, वसंत में यह कम होती है और मानसून में अस्थिर होती है, इसलिए समय के अनुसार निर्णय लें।
👉भूख शरीर के प्रकार पर भी निर्भर करती है कफ व्यक्ति को कम , पित्त को अधिक और वात अनिश्चित भूख होती है इसलिए उसके अनुसार भोजन करना चाहिए।
👉 आज किसी भी पोषक तत्व की कमी ना हो इस डर से हम सब वो सब कुछ खाना चाहते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन इसमें हम सबसे महत्वपूर्ण कारक को भूल जाते है जो है भूख ।
👉दिन में दो बार खाने से आपको अच्छी भूख लगती है जो आपको बेहतर पाचन और पोषक तत्वों को आत्मसात करने में मदद करता है।