👉आर्ट या कला वह गतिविधि है जो मूल वस्तु को उसके मूल रूप से पूरी तरह से अलग नई चीजों में परिवर्तित करती है, इसी तरह खाना पकाने में भी विभिन्न सामग्रियों को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में बदल दिया जाता है। 😊
😋पाक कला स्वस्थ भोजन को स्वादिष्ट बनाने की शैली है।
👉पाक कला मौसम के लिए उपयुक्त भोजन बनाने की कला है जैसे कि सर्दियों में गाजर का हलवा, गोंड के लड्डू, बाजरे की रोटियाँ आदि गर्मियों मे शर्बत, गुलकंद आदि स्वाद में बढ़िया होते हैं साथ ही सेहत के लिए भी अच्छे होते हैं।🌻
🌻 भोजन पकाने की प्रक्रियाओं से भोजन का प्रभाव पूरी तरह से बदल जाता है जैसे केवल दही में पानी मिला कर और मथने से छाछ बनती है पर इसके गुण दही है बिलकुल अलग हो जाते है। 👍 🌺
👉विभिन्न सामग्री को किसी अनुपात में मिलना, गर्म करना, मंथना, उबलना, छानना, किण्वन, ठंडा करना, अचार बनाना, सानना, पकाना आदि और भी बहुत प्रक्रियाओं से भोजन के प्रभाव को बदलते हैं, मामूली सी लगने वाली प्रक्रिया भी खाद्य गुणों को बदल सकती है।🌱🌺
👉 भोजन पकाने में कोनसे मसालों का कब कितना उपयोग करना है यह कला है।🤗
👍 जब भोजन उचित विधि से बना हो तो यह दवा के रूप में काम करता है । 🤗 🌺
👉 प्रत्येक व्यक्ति जो अपने परिवार के लिए खाना बनाता है, उसे आयुर्वेदिक विधि से खाना पकाने का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। 😇🙏
👉 हमेशा भोजन पकाने से पूर्व सामग्री के गुण, प्रक्रिया,मौसम, स्थान, दिन का समय, भोजन करने वाले व्यक्ति की उम्र, स्थिति और शरीर की प्रकृति ध्यान में रखते हुए खाना बनाना महत्वपूर्ण होता है । 👍🌺
👉शरीर की स्थिति के अनुसार भोजन पकाना होता है जैसे स्वास्थ्य स्थिति में,गर्भावस्था में,प्रजन्नान के बाद ,महावारी के समय,किसी बीमारी में, बीमारी से ठीक होने पर ,बच्चो के लिए,बुजुर्गो के लिए आदि हर स्थिति में आवश्यकता अलग होती है ।💁✅
👉 खाना बनाना न केवल जीभ के लिए भोजन को स्वादिष्ट बनाने या आंखों के लिए आकर्षक बनाना है, बल्कि शरीर और मन के लिए हितकर बनाना है।👍♥️
👉 हमारा भोजन बहुत ही विविधता से भरा हुआ था पूरे साल एक जैसा भोजन नहीं खाया जाता था है प्रांत का वहा की जलवायु के अनुसार विशिष्ट भोजन होता है पर आजकल लोग इसकी स्वास्थ्य के लिए महत्वता को भूल रहे है, खास व्यंजन के नाम पर पनीर और मिठाई के नाम पर केक पर ही पाक कला सिमटती जा रही है।🙊
🌷 👉 भोजन पकाना बहुत पवित्र प्रक्रिया है क्योंकि अच्छे विचारों के साथ पकाए गया भोजन सकारात्मक रूप से प्रभाव डालते हैं और अगर क्रोध, दुःख , शोक या लालच में पकाया जाता है तो यह शरीर और मन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा। 🌸
🙂अतः भोजन बहुत सुझबुझ से पकाए केवल कुछ नया पकने या खाने के नाम पर शरीर और मन का अहित ना करे।