🤔कब आखिरी बार आपने अपनी जीभ को शीशे में देखा था ?? यदि आप नियमित रूप से सुबह अपनी जीभ को नहीं देखते हैं, तो जीभ को नोटिस करने की आदत बनाएं जो आपके समग्र स्वास्थ्य के बारे में जानने में मदद करती है।👍
👉 जब भी आप किसी डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह आपकी जीभ की जाँच करता है क्योंकि यह आपकी मौखिक और संपूर्ण स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताती है। 😊
👉 जीभ साफ करने का अभ्यास प्राचीन समय से भारत में किए जाता है लेकिन धीरे-धीरे विशेष रूप से युवा पीढ़ी ने इस अभ्यास को छोड़ दिया है। 🙄
👉 जिव्हा निरलेखन आयुर्वेदिक दिनचर्या का हिस्सा है, दांतों को पाउडर या नीम की टहनी से साफ करने के बाद नियमित रूप से जीभ को साफ करना चाहिए।
👉इससे न केवल जीभ को साफ होती है बल्कि सांसों की दुर्गंध को दूर होती है और आंतरिक अंग उत्तेजित होते है। 👍
👉हमारा मुख शरीर का द्वार है जिसके माध्यम से शरीर बाहरी वातावरण के साथ संबंध स्थापित करता है और जैसे ही आप मुंह में कुछ डालते हैं भोजन का पाचन शुरू भी यही से होता है । 🌺
😬इसलिए हम दांतों की सफाई को तो महत्व देते हैं लेकिन जीभ की सफाई की अनदेखी करते हैं ।
👉जीभ पर स्वाद कलियों(टेस्ट बड्स) रहती है जो भोजन के संपर्क में आने पर मस्तिष्क और पाचन अंगों को संकेत देती है, जब जीभ परत से लेपित रहती है या स्वाद कलियों अवरुद्ध होती है तो यह संचार प्रणाली ठीक से काम नहीं करती जिससे भोजन के अनुचित पाचन होता है जो विषाक्त पदार्थों के निर्माण और संचय की ओर जाता है और अंततः विभिन्न बीमारियों का कारण बनता है।
👉नियमित जिव्हा निर्लेखन से भोजन का स्वाद बेहतर हो जाता है, जिससे भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए अधिक चीनी, नमक या मसाले मिलाने की जरूरत नहीं होती ,साथ ही जरूरत से ज्यादा खाने से भी बचते है।
👉 अगर प्रतिदिन जीभ को साफ नहीं करते है तो उसके ऊपर के विषाक्त पदार्थों को शरीर द्वारा पुन: ग्रहण कर लिया जाता है, जिससे बीमारियाँ भी होती हैं। 😥
👉 यह दिमाग को सक्रिय करता है, सुस्ती और भ्रम को दूर करता है। 😇
🤔 किस प्रकार की जिव्हा निरलेखन का उपयोग किया जाना चाहिए ??
👉यह घुमावदार होना चाहिए , तेज किनारों वाला ना हो ।
✅यह चांदी, तांबा, पीतल, टिन या स्टेनलेस स्टील जैसी धातुओं से बना होना चाहिए।
👉यह सुबह खाली पेट करना चाहिए।
👉 जीभ के पीछे की ओर से 3-5 बार आगे तक साफ करे ।