🌺विरुद्ध अहारा (असंगत भोजन)🌺
👉भोजन या अभ्यास जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं हैं और बीमारियों का कारण बनते हैं, विरुद्ध अहार हैं। 🌷
👉कभी-कभी आप अपने अनुसार स्वास्थ्य के लिए हितकर भोजन करके भी देखते है की आप सूजन, अपच, गैस्ट्राइटिस और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित होते हैं, तो इसका कारण विरूद्ध आहर हो सकते हैं। 🌷
👉हर किसी को इन गलत खाद्य संयोजनों के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि कभी-कभी हम अपने ज्ञान के अनुसार जिन चीजों को स्वस्थ के लिए अच्छा सोचते हैं वह वास्तविकता मे हानिकारक होती है ।🌷
👉आयुर्वेद के अनुसार हर भोजन का अपना रस (स्वाद), वीर्य (शरीर में ताप या शीतलन प्रभाव), विपका (पाचन के बाद प्रभाव) होता है, इसलिए जब हम 2 या अधिक चीजों को मिलाते हैं तो इन गुणों को ध्यान में रखा जाना चाहिए जैसे कि आप दो ऐसी चीजें जो प्रकृति में गर्म होती है का संयोजन कर खाते हैं तो वे शरीर में पित्त दोष बढ़ा सकती हैं जिससे जलन, गैस्ट्र्रिटिस, दस्त आदि हो जाते हैं। 🌷
🌷आयुर्वेद के अनुसार निम्न विरूद्ध आहर हैं जिनका सेवन नही करना चाहिए –
🌻शहद और घी बराबर मात्रा में🌼
🌻 मछली और मूली एकसाथ खाना🌼
🌻दही या छाछ को गर्म करके खाना (आज के ज्यादातर झटपट नाश्ते में हम दही का इस्तेमाल खाना पकाने में करते हैं) 🌼
🌻 शहद (गलत प्रसंस्करण) को गर्म करने से बचना चाहिए
पेय या भोजन को ठंडा करने के बाद शहद मिलाएं । 🌼
🌻रात में दही से परहेज करें, छाछ ले सकते हैं (काल विरुद्ध) 🌼
🌻रात में ज्यादा मीठा (रात में मीठा और मीठा दोनों ही कफ बढ़ाता है) खाना।🌼
🌻सूअर का मांस, भैंस का मांस, मछली और समुद्री भोजन के साथ उड़द दाल, शहद, दूध, मूली, तिल और अंकुरित अनाज खाना।🌼
🌻 दूध के साथ मछली/झींगा ।🌼
🌻भोजन के साथ कोल्डड्रिंक लेना।🌼
🌻भोजन के बाद चाय, कॉफी, आइसक्रीम, दूध और मिठाई का सेवन करना। 🌼
🌻अत्यधिक ठंडा और गर्म भोजन एक साथ करना (तली हुई आइसक्रीम)🌼
🌻आइसक्रीम के साथ कोल्ड ड्रिंक। 🌼
🌻ओवर कुकिंग और अंडर कुकिंग।
🌻चाय, कॉफी या दूध के साथ नमक या खट्टी चीजें। 🌼
🌻एक रस या स्वाद का अत्यधिक सेवन जैसे केवल या अधिक मीठा, मसालेदार, नमकीन, खट्टा, तीखा और कसैला स्वाद का भोजन करना।🌼
🌻ऐसी चीजें खाना जो आपके देश या क्षेत्र में नहीं उगती हैं उदाहरण के लिए भारत में जैतून या कैनोला तेल का उपयोग करना। 🌼
🌻बिना ऋतु वाले फलों और सब्जियों का उपयोग करना। 🌼
🌻उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार नहीं खाना। 🌼
🌻कबूतर का मांस सरसों के तेल में शहद और दूध के साथ पकाना ।🌼
🌻मूली, लहसुन, तुलसी आदि के तुरंत बाद दूध से परहेज करें ।🌼
🌻 खट्टे फलों को दूध के साथ लेने से बचें (आयुर्वेद में फल कों अकेले खाने की सलाह दी जाती है, मिल्कशेक, फ्रूट कस्टर्ड, दही आदि के साथ नही ) 🌼
🌻कुलथी दाल दूध के साथ🌼
🌻हरी सब्जियों को दूध के साथ नही सेवन करें। 🌼
🌻तिल के साथ पालक का सेवन न करें।🌼
🌻 कुछ दिनों तक कांसे के बर्तन में रखे घी से परहेज करें।🌼
🌻मछली के साथ पिप्पली। 🌼
🌻कमल के डंठल के साथ अंकुरित अनाजों को।🌼
🌻गलत मौसम संयोजन जैसे सर्दियों में सूखा और ठंडा खाना खाना या गर्मियों में गर्म, तीखा खाना।🌼
🌻 पाचक अग्नि (शक्ति) के अनुसार गलत भोजन करना जैसे अपच में भारी भोजन करना या पाचन शक्ति अधिकतम होने पर हल्का भोजन करना। 🌼
🌻स्थान के अनुसार गलत भोजन जैसे मरुस्थल में शराब की अधिकता (पित्त असंतुलन) या आनूप जगह में मांस की अधिकता (कफ असंतुलन)।🌼
🤔अगर हम विरूद्ध भोजन करते हैं तो क्या होगा ??
👉यह बाँझपन, अंधापन, सूजन, रक्ताल्पता, यकृत रोग, आईबीएस, बुखार, सर्दी, फिस्टुला, त्वचा रोग, जलोदर, भ्रूण रोग और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है।🌱🌱
🤔कौन कम प्रभावित होते है विरुद्ध आहार से ?
👉अच्छे पाचन वाले, जो नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, युवा, मजबूत, जो कम मात्रा में असंगत भोजन लेते हैं, उनके द्वारा प्रभावित कम या नहीं होते है। 🌱🌱🌱🌱
🤔विरुद्धाहार शरीर को कैसे प्रभावित करता है या रोगों का कारण बनता है ??
👉वे पाचन अग्नि को कम करतें है(विषाक्त पदार्थों के संचय में परिणाम), दोषों के संतुलन को बिगड़ने और रस (पोषण) को धातु (ऊतकों) में बदलने रोकते हैं। ☘️☘️☘️☘️
कुछ विरूद्ध भोजन का प्रभाव तेज होता है और कुछ में धीमा जहर जैसा प्रभाव होता है।🌺🌺
🤔विरुद्धाहार के बुरे प्रभावों को कैसे दूर कर सकते है?
👉 शोधन (पंचकर्म)उपचार लें 🌾
👉आयुर्वेदिक आहार नियमों का पालन करें।☘️
👉भोजन में नित्य सेवनिया आहार का प्रयोग करें।☘️
👉 नियमित व्यायाम करे।🏃
नित्य सेवनीय आहर क्या हैं,आयुर्वेद के आहर नियम क्या है जानने के लिए पुरानी पोस्ट फेसबुक पर पढ़े।👍🌼