🌺 शरद ऋतुचर्या (पतझड़ के मौसम के लिए आहार)
👉यह कहा और माना जाता है कि शरद ऋतु वर्ष का वह समय होता है जब बीमार पड़ने की संभावना बहुत अधिक हो जाती है।🤒
👉 इस ऋतु में स्वस्थ बने रहने तथा बीमारियों को रोकने के लिए बताए गए क्या करे (Do’s) और क्या ना करे (Don’ts) का पालन करना महत्वपूर्ण है।🤩
👉शरद ऋतु में आसमान साफ रहता है, सूर्य की रोशनी तेज रहती है और शारीरिक शक्ति तथा पाचन क्षमता मध्यम रहती है। वातावरण में लवण रस प्रभावी रहता है।🌞
👉शरद ऋतु में दो महीने अश्विन और कार्तिक (लगभग 15 सितंबर से 15 नवंबर) शामिल होते है।🌴
👉बरसात के मौसम में वातावरण बारिश, बादलों और हवाओं के कारण ठंडा हो जाता है उसके बाद सर्दियों की शुरुआत से पहले मौसम में एक बार फिर से गर्मी बढ़ जाती है।🔥
👉इस गर्मी के कारण पित्त दोष स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है और वर्षा ऋतु का प्रकुपित वायु दोष इस मौसम में शांत हो जाता है।🌻
👉अगर इस बढ़े हुए पित्त का ठीक से प्रबंधन (संतुलन) नहीं किया जाता है तो बुखार, एसिडिटी, जलन, मुंह में छाले, पेशाब में जलन, पीलिया, अस्थमा, त्वचा रोग, सिरदर्द और चक्कर आना जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।🤯🥵😵
👉अगर इस मौसम में पित्त दोष संतुलित नहीं किया जाता तो यह न केवल आने वाली शरद ऋतु में परेशानी का कारण बनता है बल्कि यह सर्दियों तक स्वास्थ्य को प्रभावित करता रहता है। 😱
👉इसीलिए सभी को खासकर पित्त दोषों से प्रभावित व्यक्तियों को शरद रितुचर्या का पालन करना चाहिए। 👍
🌺आहार के नियम (Diet Rules) –
✅कसैला (Astringent), मीठा और कड़वा स्वाद वाला भोजन प्रमुखता से ले।🌷
✅ नमक, खट्टा और तीखा आहर कम ले। 🏵️
✅ ठंडा और सूखा भोजन लेवे। 🌿
✅संतुलित खाए और पिछला खाया खाना पच जाने के बाद ही खाए। 🍂
❌गरम, मसालेदार और तैलीय भोजन से बचे।
❌अधिक चाय काफी पीने से बचे।
❌अचार और किण्वित (Fermentated) खाद्य पदार्थो से बचे।
✅दूध, घी और मक्खन का उपयोग करे।
❌इस मौसम में दही खाने से बचें।
✅ पानी को सूरज की रोशनी में और फिर चांदनी में रखे। इसको पीने में उपयोग करे।
निम्न को अपने आहार में शामिल करे –
✅गेहूँ, जौ, मूंग, चना, तुअर दाल, मोठ और मसूर दाल।
✅मुन्नका, चिरौंजी, पिस्ता, इलाची और खजूर।
✅नारियल, अंगूर, केला, अनार और सेब।
✅कद्दू, परवल, तुरई, लौकी, तरबूज, ड्रमस्टिक, मक्का, चौलाई, सूरन, करेला, मेथीदाना, नीम, आलू आंवला, हरड़ और शहद🍯
✅शरबत, मुरब्बा और गुलकंद लेवे।🍹
❌ उड़द की दाल, गरम मसाला, अदरक और काली मिर्च से परहेज करें।
✅धनिए का पानी पीवे।🌲
✅सौंफ के बीज पानी ले 🌿
✅काली किशमिश का पानी ले
(इनको को पानी में रात को भिगो दे और सवेरे यह पानी छान कर पिए)
✅ आमला, धनिया, सौफ और मिश्री का पाउडर दिन में दो बार लेवे।
या
✅आमला, भूनी हुए सौफ़ और मुलेठी का पाउडर दिन में दो बार ले। 🌻
🌺जीवनशैली जिसका इस मौसम में पालन करना चाहिए–
❌ दिन में सोने से बचे। 👍
✅कुछ समय चंद्रमा की रोशनी में व्यतीत करें।
✅मोती और फूलों की माला पहने। 😎
✅ शरीर पर चंदन की लकड़ी का लेप लगाएं।🤗
✅शरीर की मालिश के लिए नारियल तेल का उपयोग करे। 🥥
✅तेज धूप, गर्मी और अतिरेक (Overexertion) से बचे।🥵
✅गुस्से और तनाव से बचे। 🌋
✅ हल्के रंग के कपड़े पहने। 🍂
✅मदिरापान से बचे।
✅हल्के और आरामदायक गाने सुने। 🎶
✅प्रतिदिन योग और प्राणायाम करे विशेषतः शीतली शिकारी प्राणायाम को करे।🧘♀️
✅ रात को अच्छे नींद ले और प्रातः जल्दी जागे। 😴🌛🌟
✅यह मौसम में आयुर्वेद के दो प्रक्रिया विरेचन और रक्तमोक्षण के लिए उत्तम समय है , स्वस्थ य रोगी दोनों ही यह करवा सकते है। 👍
✅यह रक्तदान के लिए अच्छा समय होता है।😊