खिचड़ी भारतीय घरों में तैयार की जाने वाली प्रसिद्ध और सबसे आम रेसिपी है। जब किसी को हल्का खाने का मन होता है तो खिचड़ी का नाम सबसे पहले दिमाग में आता है। यह स्वस्थ और बीमार दोनों स्थितियों के लिये अच्छी है खिचड़ी में 4:1 के अनुपात में चावल और दाल का मिश्रण कर पकाया जाता है। आप अपने स्वाद के अनुसार अनुपात बदल सकते हैं। चावल और दाल को अच्छी तरह धोकर 30-45 मिनट के लिए पानी में भिगो दें। हल्दी, नमक और जैसे चाहें तो अन्य मसाले जीरा, हींग, अदरक और लौंग डालें। इसे अच्छी तरह से पकाएं और पतला रखे । परोसने से पहले घी डालें। दाल में हरी या पीली मूंग दाल, उड़द की दाल आवश्यकता अनुसार प्रयोग करनी चाहिए। आसानी से पचने के लिए चावल और दाल के मिश्रण को पकाने से पहले भून लें। खिचड़ी धीरे-धीरे पचती है इसलिए अनियंत्रित भूख या बार-बार कुछ खाने की इच्छा रखने वाले को इसे खाना चाहिए। यह पौष्टिक और संतुलित आहार है, बच्चों और बड़ों के लिए अच्छा है। यह मल और पेशाब की मात्रा को बढ़ाता है। शरीर की शक्ति और ऊर्जा को बढ़ाता है। याददाश्त में सुधार करता है। काम से घर आने के बाद अगर आप कुछ जल्दी और पौष्टिक खिचड़ी चाहते हैं तो अच्छा विकल्प है। इसे रात के खाने में लिया जा सकता है। कब्ज और अपच में इसके सेवन से परहेज करें या इसके बाद छाछ का सेवन करें। इसे सप्ताह में कम से कम एक या दो बार लें।
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Published by Dr. Amrita Sharma
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I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy
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