पंचकर्म का परिचय –
पंच – ५, कर्म- प्रक्रिया
पंचकर्म शरीर से विषाक्त पदार्थों या वातित दोष को संतुलित करने के लिए 5 प्रक्रियाओं का एक संग्रह है ।😊
🌷 आहार, जीवन शैली और मौसमी परिवर्तनों के कारण विषाक्त पदार्थ शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं या बन जाते हैं ।
🌷 ये विषाक्त पदार्थ बीमारियों का कारण बनते हैं ।
🌷 इन विषाक्त पदार्थों य दोषो को निकालने के लिए पंचकर्म प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है ।✅
🌷 आयुर्वेद में 2 प्रकार के उपचार हैं, एक है शोधन जिसमें पंचकर्म प्रक्रियाएं शामिल हैं और दूसरा शमन है जिसमें दवाएं और अन्य बाहरी उपचार शामिल हैं।
🌺पंचकर्म शरीर को गहराई से डिटॉक्स करता है, शरीर, मन और इंद्रियों को शुद्ध करता है, उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है, बीमारियों को ठीक करता है, प्रतिरक्षा और शरीर की ताकत में सुधार करता है।
🌷1. वमन- व्यक्ति को दवाओं से उल्टी कराई जाती है, यह विशेष रूप से कफ दोष या कफ प्रधान समस्याओं जैसे खांसी, जुकाम, दमा, मधुमेह, मोटापा, हाइपोथायरायडिज्म, पीसीओडी, फाइब्रॉएड आदि के लिए किया जाता है।
2.विरेचन – यह एक चिकित्सीय शुद्धि है जिसमे औषधि से दस्त लगवाए जाते है, यह पित्त संबंधी विकारों जैसे त्वचा की समस्याओं, जलन, बुखार आदि का सबसे अच्छा उपचार है।
3.आस्थपन बस्ती- औषधीय काढ़े का एनीमा।
4.अनुवासन बस्ती- औषधीय तेल गुदा के माध्यम से दिया जाता है।
बस्ती वात विकारों जैसे शरीर में दर्द, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, सूजन, बांझपन, मासिक धर्म विकार, चेहरे का पक्षाघात, अर्धांग पक्षाघात आदि के लिए सबसे अच्छा उपचार है।
5.नस्य – नाक के माध्यम से औषधीया दी जाती है, यह चिकित्सा सिर, गर्दन, गले और मस्तिष्क संबंधी समस्याओं में मदद करती है। 🌷आचार्य सुश्रुत ने रक्तमोक्षण को पंचकर्म प्रक्रिया में से एक माना।
🌺पंचकर्म में 3 चरण होते है पुर्व कर्म (प्रारंभिक प्रक्रिया), प्रधान कर्म (मुख्य प्रक्रिया) और पश्चात कर्म (अंतिम प्रक्रिया) शामिल हैं।
🌺 पंचकर्म चिकित्सा की विशेषता यह है कि वे न केवल रोग उपचार के लिए हैं, बल्कि एक स्वस्थ व्यक्ति में भी मौसमी बीमारियों को रोकने और प्रतिरक्षा में सुधार के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
🌺पंचकर्म वर्ष के किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन वर्ष में तीन बार, जब ऋतु परिवर्तन होता है इन्हे करवाने का सुझाव दिया जाता है।
🌺कई बीमारिया औषधियों के सालों साल सेवन के बाद भी ठीक नही होती है और आधुनिक चिकित्सा में बहुत से रोगों में जीवन भर दवा लेनी होती है उसके बाद भी रोग बढ़ता ही जाता है दवा का डोज़ बढ़ता जाता है ऐसी स्थिती में पंचकर्म बहुत कारगर है।
अज्ञानता वश या गलत प्रचार के वजह से ज्यादातर लोग सोचते है पंचकर्म के बस मालिश होती है पर ऐसा नही हैं ।
पंचकर्म से घबराए नही यह आयुर्वेद का सबसे प्रभावी और तेज परिणाम देने वाली चिकित्सा है ।
✅ इसलिए यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है या आप एकदम स्वस्थ्य है दोनों स्थितियों में आपको पंचकर्म के लिए जाना चाहिए।🙂