🌺शिरोधारा🌺
🌻आपने अधिकांश आयुर्वेदिक क्लीनिकों या अस्पतालों के विज्ञापनों में शिरोधारा की तस्वीरें देखी होंगी क्योंकि यह आजकल आयुर्वेदिक उपचारों का पर्याय बन गया है।
🌻ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह एक साधारण तेल चिकित्सा है जिसे कोई भी आराम के लिए ले सकता है, कभी-कभी रोगी स्वयं निर्णय लेते हैं कि उन्हें शिरोधारा की आवश्यकता है, लेकिन यह केवल विश्राम चिकित्सा नहीं है और शिरोधारा के लिए जाने से पहले आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
🤔शिरोधारा क्या है?
👉शिर का अर्थ है सिर और धारा का अर्थ है प्रवाह या धारा में तरल डालना इसलिए शिरोधारा एक बाहरी उपचार है जहां तेल, दूध, छाछ, क्वाथ या अन्य निर्धारित तरल पदार्थ सिर पर निर्धारित समय के लिये डाले जाते हैं।
👉मानव शरीर को उल्टा पेड़ माना जाता है क्योंकि इसकी जड़ ऊपर की दिशा में होती है जो सिर है, जैसे पेड़ की जड़ की जड़ में पानी देने से पूरे वृक्ष को पोषण मिलता है वैसे ही अगर मानव शरीर के सिर को ठीक से पोषण मिलता है तो यह ठीक से काम करता है और शरीर के सभी अंग खुद ही पोषित होते हैं और ठीक से काम करते हैं।
👉सिर शरीर की सभी प्रणालियों को नियंत्रित करता है, इसलिए आयुर्वेद में इसे उत्तमांग या सर्वश्रेष्ठ अंग कहा गया है, इसलिए शरीर और मन के अधिकांश रोगों में यदि हम इनके नियंत्रक यानी मस्तिष्क को उपचार दें तो रोग तेजी से और प्रभावी रूप से ठीक हो जाता है।
🤔इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं या किन स्थितियों में यह लाभप्रद है?
👉यह कई शारीरिक और मानसिक रोगों को होने से रोकता है और उनका इलाज करता है-
✅यह प्रतिरक्षा में सुधार करता है।
✅यह शारीरिक और मानसिक रूप से शक्ति देता है
✅यह बढ़ती उम्र के प्रभाव से बचाता है ।
✅यह त्वचा की गुणवत्ता में सुधार करता है, सूखापन और खुजली से राहत देता है
✅यह बालों का झड़ना, रूसी और समय से पहले सफेद होना रोकता है।
✅यह 80 प्रकार के वात विकारों में उपयोगी है।
✅सिर के विकार जैसे दर्द, जलन, सूजन, फोड़े आदि में यह लाभदायक है।
✅यह इंद्रियों की रक्षा करता है, उन्हें मजबूत करता है और उनके रोगों के इलाज में भी मदद करता है।
✅मनोदैहिक विकारों में शिरोधारा लाभकारी होता है।
✅यह नींद न आने की स्थिति में कारगर है।
✅यह लकवा और हेमिप्लाजिया में उपयोगी है।
✅आयुर्वेद में यह अवसाद के उपचार का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है।
✅उच्च रक्तचाप के प्रबंधन में उपयोगी
✅यह हृदय पर तनाव को कम करने और बेहतर रक्त परिसंचरण में मदद करता है।
✅माइग्रेन में उपयोगी।
✅स्मृति हानि को रोकता है।
✅शिरोधारा बेहतर हार्मोनल फंक्शन में मदद करता है।
✅यह शरीर में सूजन की प्रक्रिया को रोकता है।
✅यह मस्तिष्क में रक्त परिसंचरण और पोषण को बढ़ाता है, इसके तनाव को कम करता है और इसके बेहतर कामकाज में मदद करता है।
✅यह उस स्थिति में उपयोगी है जहां सिर की चोट से आवाज की हानि, ग्रीवा में दर्द, चेतना की हानि, जबड़े का स्तंभित होना , हकलाना आदि हो जाता है।
✅यह मन और शरीर को शांत करता है
✅शरीर, मन और इंद्रियों के रोगों से बचाव करता हैं।
🤔सिर पर द्रव कितने समय के लिये डाला जाता है?
👉45 से 60 मिनट के लिए।
🤔कितने दिनों के लिए शिरोधारा करा सकते है?
👉रोगी की स्थिति के अनुसार वैद्य की सलाह के बाद 7 दिन से 21 दिन या उससे अधिक करते है।
🤔क्या स्वस्थ व्यक्ति शिरोधारा ले सकता है
👉हां
वैद्य ही तय करेंगे कि आपको शिरोधारा की जरूरत है या नहीं और अगर जरूरत है तो किस तरल के साथ और कितने दिनों के लिए ।
🤔किन द्रव्यों का प्रयोग शिरोधरा के लिये किया जाता है।
👉शिरोधारा के लिए औषधीय तेल, घृतम, दूध, छाछ या क्वाथ का इस्तेमाल किया जाता है। केवल एक प्रकार के तरल या संयोजन का भी उपयोग किया जाता है।
🤔शिरोधारा की प्रक्रिया क्या है?
👉उचित जांच के बाद वैद्य विशिष्ट समय और दिनों के लिए विशिष्ट तरल के साथ शिरोधारा के लिए सलाह देंगे।
कभी-कभी शिरोधारा को अन्य उपचारों के साथ सुझाया जाता है।
शिरोधारा के लिए रोगी को सुबह या हल्का भोजन करने के बाद केंद्र पर आने को कहा जाता है।
फिर उसे द्रोणी नामक विशेष मेज पर पीठ के बल लेटने के लिएकहा जाता है, आंखों पर रुई के पैड लगाए, फिर तले में छिद्र युक्त पात्र से निर्धारित गर्म या ठंडा तरल उसके माथे पर झूलते हुए प्रवाह में डाला जाता है, बीच-बीच में सिर पर हल्की मालिश की जाती है। प्रक्रिया पूरी होने पर उसके बालों से अतिरिक्त तेल निकल दिया जाता है।
पूरी प्रक्रिया में 45 से 90 मिनट का समय लगता है।
👉उपचार के बाद कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए जैसे ठंडी हवा के संपर्क में न आएं, पीने के लिए केवल गर्म पानी लें, गर्म पानी से नहाएं और हल्का भोजन करें।
ठंडे, मसालेदार, भारी भोजन से बचें
अधिक परिश्रम, भारी व्यायाम, जोर से और अधिक बोलने से बचें
क्रोध, शोक और तनाव से बचें।
🌻कुछ स्पा आजकल शिरोधारा भी देते हैं लेकिन हमेशा वैद्य के मार्गदर्शन में शिरोधारा कराना चाहिए।✅