🤔क्या घी या तेल रहित भोजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा है ??
👉आयुर्वेद स्वस्थ व्यक्ति के लिए स्निग्ध और गर्म भोजन का उपयोग करने का सुझाव देता है।
👉कुछ पोषक तत्व स्नेह में घुलनशील होते हैं और केवल स्नेह की उपस्थिति में ही शरीर को उपलब्ध होते हैं।
जाने कोनसा तेल खाना बनाने लिये अच्छा है?
👉स्निग्ध भोजन भूख में सुधार करता है और भोजन को पचाने में आसान बनाता है।
👉आजकल गलतफहमियों के कारण लोग घी और तेल का सेवन पूरी तरह से बंद कर देते हैं।
🤔स्निग्धता रहित भोजन लेने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है??
👉रूखा या स्नेह रहित खाना खाने से शरीर में वात की वृद्धि होती है जो 80 प्रकार के रोग दे सकती है।
👉चूंकि शरीर के सभी ऊतक स्निग्धता और नमी के गुण से एक साथ जुड़े रहते हैं, इसलिए शरीर के ऊतक स्निग्धता के गुण के अभाव में नष्ट होने लगते है।
👉इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
👉त्वचा का रंग और रंगत कम हो जाती है।
👉वात प्रकार के व्यक्ति में पहले से ही सूखापन अधिक होता है, सूखा भोजन करने से सूखापन और बढ़ जाता है और रोग होने की संभावना बढ़ जाती हैं।
👉सूखा भोजन शरीर में सूखापन, खुरदरापन और कठोरता को बढ़ाता है।
👉द्रव स्राव सूख जाते है जिसके परिणामस्वरूप कब्ज होने लगती है।
👉रूक्षता से मूत्र और पसीने का निर्माण कम होता है जो शरीर में टॉक्सिन्स में वृद्धि का कारण बनता है।
👉प्रजनन क्षमता कम हो जाती है।
👉अपक्षयी रोगों, मुस्कूलो स्केलेटन विकार और स्नायु-पेशी विकारों का कारण बनता है।
👉दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस ,गैस ,निंद्रा विकार,श्वसन विकार आदि होने की संभावना बढ़ जाती है।
🤔ऐसे कौन से भोजन हैं जो प्रकृति में शुष्क होते हैं?
👉कसैला (शहद, कमल का डंठल, हरड़, आम के बीज आदि), कटु(हिंग, अदरक, काली मिर्च आदि) और तिक्त (नीम, हल्दी, लोहा, गिलोय आदि) स्वाद वाले भोजन शुष्क प्रकृति के होते हैं।
👉सूखे भोजन के अलावा कम खाना, अत्यधिक परिश्रम और देर रात तक जागना भी शरीर में रूक्षता पैदा करता है और वात दोष को बढ़ा देता है।
🌺ऐसी स्थितिया भी होती है जहां भोजन में स्नेह कम चाहिये होता है
लेकिन स्नेह को पूरी तरह से रोकने या कम करने से पहले हमेशा वैद्य से सलाह लें।