🌺नींद😴,भोजन और ब्रह्मचर्य के साथ जीवन के आधार स्तंभों में से एक है।
🌺आयुर्वेद के अनुसार खुशी और दुःख, पोषण और क्षीणता, बल और दुर्बलता, बुद्धि और एकाग्रता की कमी सभी में नींद की गुणवत्ता की बहुत बड़ी भूमिका होती है।👍
🌺ज्यादातर लोग सोचते हैं कि कितने घंटे सोए ये महत्वपूर्ण हैं और किस समय पर सोते हैं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन ऐसा सोचना गलत है नींद के समय का भी आयुर्वेद में महत्व है।🧐
🌺केवल रात की नींद ही स्वास्थ्य के लिए अच्छी होती है और बीमारियों को रोकती है। यह स्वाभाविक और हमारी जैविक घड़ी के अनुसार है।🕰️
🌺केवल अच्छी रात की नींद ही शरीर को स्वस्थ रखने के साथ इसकी थकान दूर करके अगले दिन फिर तरोताजा महसूस कराती है।😀🌛🌟
🌺मनुष्य दिनचर जीव हैं, निशाचर जीव नहीं, लेकिन कृत्रिम रोशनी की उपलब्धता के कारण हम अपने इस प्राकृतिक स्वभाव को दबा देते हैं, जो अंततः हमारे शरीर और स्वास्थ को ही हानि पहुंचाता है। इसलिए रात्रि मनुष्य (Night Person) जैसी कोई चीज नहीं होती।🙄
🌺सोने का सबसे आसान और उत्तम समय रात 10 बजे से पहले या अधिक से अधिक 11 बजे तक है। 😅
🌻रात्रि 11 बजे के बाद सोने से क्या होता है?? 🧐
👉यदि आप 11PM – 2AM के मध्य सोते हैं तो इससे शरीर में पित्त दोष बढ़ता है जो त्वचा रोग, सिरदर्द, बालों के सफेद होने और बालों के झडने का कारण बनता है।😱
👉2 AM के बाद सोने से वात दोष बढ़ता है जिससे सूखी त्वचा, रूखी त्वचा, वजन कम होना, जलन, याददाश्त कम होना, चिंता और अवसाद जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है।🥺
👉रात्रि को जागने से कई प्रकार की समस्याएं जैसे अनिंद्रा, शरीर में दर्द, सिर में भारीपन, शरीर में भारीपन, अपच, थकावट, आलस, कमजोरी, नपुंसकता, मोटापा, नजर में कमजोरी👀और त्वचा पर समय से पहले झुर्रियाँ होती है।🌻
👉हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है ।😕
👉 कई शारीरिक और मानसिक विकारों के होने का खतरा बढ़ जाता है। 🌞
🌺6 PM से 10 PM का समय कफ़ समय होता है जो धीमा, सघन और भारी ऊर्जा वाला होता है इसीलिए यह समय स्वाभाविक रूप से नींद में मदद करता है।✅
🌺10PM – 2AM का समय पित्त समय है। इस समय शरीर में अग्नि और मन सक्रिय होता है। यह सोने के लिए कठिन समय है। शरीर के तापमान में वृद्धि तथा Metabolic Rate भी तेज होती है। आपको भूख महसूस होती है और रात के इस समय में खाने से वजन बढ़ता है और पाचन गड़बड़ा जाता है।
🌺2 AM – 6 AM का समय वात समय होता है, यह गतिविधि का समय होता है प्रकृति में हलचल शुरू होती है। सोने का कठिन समय होता है जिससे अच्छी गुणवत्ता वाली नींद नहीं आती और बहुत सारे सपने आते है। वायु दोष बढ़ता है जिससे 80 प्रकार के रोग हो सकते हैं।