आयुर्वेद के प्राकृतिक कैल्शियम सप्लीमेंट्स ले,कृत्रिम के स्थान पर।


🤔 क्या आयुर्वेद में कैल्शियम सप्लीमेंट होते है?

👉हां आयुर्वेद में कैल्शियम के कई प्राकृतिक स्रोत हैं जो कृत्रिम कैल्शियम सप्लीमेंट से कहीं बेहतर हैं।

👉शंख, कपर्द, गोदंती, मूंगा, मोती, अकीक, श्रृंग, कुक्कुटंडत्वक जैसे प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त कैल्शियम का आयुर्वेद में भस्म (राख) बनाकर उपयोग किया जाता है।

👉प्राकृतिक कैल्शियम की भस्म या राख शरीर के लिए अवशोषित करना आसान है और वे प्रकृति की उपचार ऊर्जा या प्राण के साथ जीवित होती हैं।

👉इसके अलावा कुछ जड़ी-बूटियां जैसे अस्थिश्रीखला, शतावरी, शिगरू, शिलाजीत, आंवला, गिलोय, तिल, अश्वगंधा,सिंघाड़ा और अर्जुन भी शरीर में कैल्शियम के स्तर को सुधारने और बनाए रखने में मदद करते हैं।

👉उपरोक्त स्रोतों से कैल्शियम न केवल हड्डियों के लिए अच्छा है बल्कि वे समग्र स्वास्थ्य में सुधार करते हैं।
👉सिंथेटिक कैल्शियम में बड़े अणु होते हैं जिन्हें शरीर के लिए अवशोषित करना मुश्किल होता है और साथ ही वे जीवन और प्राकृतिक ऊर्जा रहित होते है।

प्रश्न. कैल्शियम सप्लीमेंट कब लें?

हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए कैल्शियम बहुत महत्वपूर्ण खनिज है।

👉कैल्शियम का निर्माण शरीर में नहीं होता है, शरीर इसे भोजन से प्राप्त करता है लेकिन यदि आहार में पर्याप्त कैल्शियम उपलब्ध नहीं है तो पूरक आहार की आवश्यकता होती है।
👉रजोनिवृत्ति के दौरान, व्यायाम की कमी, दोषपूर्ण जीवन शैली, धूम्रपान, शराब, कुछ दवाओं के कारण, विटामिन डी की कमी, उम्र बढ़ने आदि जैसी स्थितियों में कैल्शियम की कमी होती है तो पूरक की आवश्यकता होती है।
👉कैल्शियम सप्लीमेंट लेने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लें।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

Leave a Reply

%d bloggers like this: