
बालो को झड़ने से कैसे रोके?😢
👉आज हेयरकेयर उद्योग एक बड़ा व्यवसाय है, हर कोई बालों के झड़ने को रोकने और लंबे घने कर देने के लिए अपने प्रोडक्ट्स को सबसे अच्छा केशरक्षक बता कर बेच रहा है लेकिन दावे स्पष्ट है कि काम नहीं कर रहे हैं,क्योकि बाल झड़ने की समस्या इन सबसे हल नही हो रही है।🙄
👉इस तरह के अत्यधिक विज्ञापित उत्पादों पर समय, पैसा और ऊर्जा बर्बाद करने के बाद हेयर ट्रांसप्लांट बहुत ही आकर्षक विकल्प लगता है लेकिन वह भी ज्यादा मदद नहीं करता है।🌼
👉तो बालों का झड़ना रोकने और गंजेपन का इलाज करने के लिए क्या किया जा सकता है।
👉सबसे पहले समस्या पर जल्द से जल्द ध्यान दें, तब इसका इलाज आसान हो जाएगा और अगर आप सालों से बाल झड़ने की समस्या से जूझ रहे हैं और अगर गंजापन हो गया है तो भी आयुर्वेद मदद कर सकता है लेकिन आपको धैर्य रखना होगा।
👉आयुर्वेदिक बालों की देखभाल में बालों के स्वास्थ्य के सभी पहलु कवर होते है जैसे बालों का बढ़ाना, प्राकृतिक रूप से रंगना और बालों का झड़ना रोकना।
🤔बाल गिरने का क्या कारण है?
🌺बालों के झड़ने के कारणों का पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है, यदि आप बालों के झड़ने के कारणों को नहीं जानते और उनका इलाज नहीं करते हैं तो केवल तेल, शैम्पू और अन्य उत्पादों का उपयोग करना उपयोगी नहीं हो सकता है।
🌺आयुर्वेद के अनुसार बालों के झड़ने के लिए वात और पित्त जिम्मेदार हैं।
🌺अत्यधिक हल्का आहार लेने, रात 10 बजे के बाद सोने, अत्यधिक सोचना, अत्यधिक बात करने, अत्यधिक परिश्रम करने, मेनोपॉज के बाद आदि अन्य कारणों से वात बढ़ जाता है। वात ज्यादातर 40 साल की उम्र के बाद बालों के झड़ने के लिए जिम्मेदार होता है।
🌺पित्त दोष भी बालों के झड़ने का एक मुख्य कारण है, अत्यधिक गर्म भोजन, गर्म पेय, शराब, धूम्रपान, तला हुआ, मसालेदार, खट्टा, अम्लीय भोजन और आदते जिनके कारण शरीर में पित्त बढ़ जाता है जैसे क्रोध करना।
पित्त मुख्य कारण होता है16 साल से 30 साल की उम्र में बालों के झड़ने में।
🌺बालों के झड़ने का एक और प्रमुख कारण तनाव है इसके लिए आयुर्वेदिक दवाएं, उपचार और काउंसिलिंग लें।
🌺थायराइड ग्रंथि के कमजोर होने से भी बाल झड़ते हैं।
🌺 खराब पाचन या पेट की बीमारी जैसे आईबीएस भी बालों के गिरने का कारण बनता है। पाचन संबंधी बीमारी ठीक होने पर बाल अपने आप ठीक हो जाते है।
🌺पुरानी बीमारियों का इलाज करें वार्ना बाल गिरना नही रुकेंगे।
🌺लंबे समय तक एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग।
🌺शरीर में बहुत अधिक विषाक्त पदार्थ होना।
🌺अन्य कारण – गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन,व्यस्त जीवन, रासायनिक उत्पादों का उपयोग, वायु प्रदूषण,पानी की खराब गुणवत्ता आदि।
🌺अगर आनुवंशिक कारणों से बाल झड़ रहे हैं तो इसका इलाज मुश्किल है।
🤔बालों की समस्याओं के इलाज के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण क्या है?
🌻आयुर्वेद के अनुसार बाल अस्थि धातु का मल है अतः बालों का स्वास्थ्य, हड्डी के स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए सबसे पहले स्वस्थ अस्थि के ऊतकों के निर्माण पर ध्यान दिया जाता है।बढ़े हुए दोषो को सन्तुलित किआ जाता है ।
🌻अच्छी गुणवत्ता वाला दूध हड्डियों के लिए सबसे अधिक पौष्टिक होता है स्किम्ड या टोंड दूध से बचें क्योंकि दूध का फैट ही हड्डियों को कैल्शियम प्रदान करता है। गर्म दूध ही पिएं।
🌻आयुर्वेदिक कैल्शियम सप्लीमेंट जो प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होते हैं और प्राण से भरपूर होते हैं बालो के गिरने को रोकने के लिये दिया जाते है।
🌻मासाहारी लोग हड्डी का सूप ले सकते है जो बालों के लिये फ़ायदेमंत होता है ।
🌻आयरन युक्त भोजन जैसे किशमिश, खजूर, अंजीर, चुकन्दर, चुकन्दर, खूबानी, लौह भस्म आदि ले।
🌻घी और तिल,सरसो,मूंगफली,नारियल तेल जैसे अच्छी गुणवत्ता वाले फैट का सेवन करें।
🌻आयुर्वेदिक रसायनो का सेवन करने को दिये जाते है जैसे च्यवनप्राश, ब्रह्म रसायन आदि जो अस्थि धातु और केश दोनो के लिये अच्छे है।
🌻आमलकी तेल, मालत्यादि का तेल, भृंगराज का तेल,नीलभृगराज आदि आयुर्वेदिक तेल बहुत लाभदायक है।
🌻सप्ताह में एक या दो बार तेल लगाए रात भर या कम से कम 1 घंटे के लिए छोड़ दें।
🌻हेयर वॉश पाउडर- रीठा, त्रिफला, भृंगराज, गुड़हल को बराबर अनुपात में मिला लें इससे बाल धोए।
🌻अच्छा तेल संयोजन- नारियल का तेल, बादाम का तेल, तिल का तेल, अरंडी का तेल सभी को बराबर मात्रा में ले ले इस मिश्रण को करी पत्ते, प्याज, हिबिस्कस के साथ धीमी आंच पर उबालें और फिर छान लें।
🌻दवाएं और तेल बालों के रोम को पोषण देते हैं और उनके विकास को प्रोत्साहित करते हैं।
🌻सर गर्म रहता हैं तो एलोवेरा लगाए यह सिर की त्वचा को ठंडक देता है।
🌻भृंगराज पुन: बालों उगता है, पोषण करता है।
🌻बादाम, काजू, नारियल , मेथी,एलोवेरा, आंवला, मालती, हिबिस्कस, कमल, अंकुरित गेहूं, दही, तिल के बीज बालों के विकास और बालों के झड़ने की रोकथाम के लिए अच्छे खाद्य पदार्थ हैं।
👉स्टेरॉयड इंजेक्शन से बचें अधिक समग्र दृष्टिकोण रख कारण को दूर कर इलाज करें ,न केवल बालों को वापस बढ़ने के लिए मजबूर करें।
👉बालों के झड़ने के मूल कारण का पता लगाए बिना किसी भी घरेलू उपचार या तेल को लगाने के बजाय आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करे जो कारण पता कर इलाज में मद्दतगार होगा।
👉सही इलाज में कम से कम 6 महीने से 1 साल तक का समय लगता है क्योंकि अस्थिधातु के निर्माण में समय लगता है।
🤔तो केवल तेल लगाना उपयोगी नही बालो को गिरने से रोकने के लिये?
🌷जहां बालों की मजबूती कम हो, स्कैल्प का रूखापन, हल्का रूसी हो, वहां ही हेयर ऑयल मददगार होता है।
🌷लेकिन यदि बाल अन्य शारीरिक बीमारियों या मानसिक तनाव के कारण गिर रहे है तो इलाज करे बिना सिर्फ तेल या शैम्पू लगाने से लाभ नही होगा।
🌷यह ऐसा है जैसे पेड़ के पत्तो को पानी दे पेड़ के बढ़ने की उम्मीद करना ।उसके लिये जड़ में ही पोषण देने होगा।
🌷बाहरी तेल ,शैम्पू कवल 20% ही मद्दत करते है।
🤓क्या हम सब काले ,घने,मुलायम और लंबे पा सकते है जेसे विज्ञापन में दिखते है?
🌷जैसा कि आज के समय में हर कोई अपने बाहरी लुक को लेकर बहुत सचेत है, हर कोई परफेक्ट लंबे, घने और काले बाल चाहता है लेकिन हम शारीरिक और मानसिक स्वभाव से अलग होते हैं जो गर्भाधान के समय तय हो जाता है जिसे आयुर्वेद में प्रकृति कहते है इसीलिये हम एक जैसे या तथाकथित परफेक्ट नहीं बन सकते।
🌷वात प्रकार के व्यक्तियों के केश प्राकृतिक रूप से ही सूखे, दुर्बल, घुंघराले, गहरे भूरे होते हैं।
पित्त व्यक्ति के सीधे,सुनहरे,भूरे लाल रंग के होते हैं और जल्दी होने सफेद और कम होने की प्रवृत्ति होती है।
कफ व्यक्ति के घने, मजबूत, मुलायम घुंघराले, लहराते, काले बाल होते हैं।
👉तो वात व्यक्ति को कफ प्रकार के बाल होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिये वो कभी होगा नही।
👉हम केवल अपने बालों के प्रकार का प्रबंधन कर सकते हैं लेकिन उनकी प्रकृति को नहीं बदल सकते हैं।
👉 बालों का प्रकार, बनावट, रंग क्षेत्र और जन्म के देश पर निर्भर करता है।
🌷 यदि पहले से ही गंजापन है तो आयुर्वेद की पंचकर्म चिकित्सा जैसे जलोक अवचरण ,बस्ती आदि के साथ विभिन्न औषधियों के लेप उपयोगी है क्योंकि इस स्थिति में बालों के रोम बंद हो जाते है।
👉याद रखे उम्र बढ़ने के साथ बालों का गिरना सामान्य है।
🌷आयुर्वेद बालो के प्राकृतिक प्रकार को बनाए रखने , देरी से गिरने और जल्दी
सफेद होने से रोकने में सहायता करता है।अतः आयुर्वेद अपनाए |