
🤔क्या आयुर्वेद के अनुसार रोजाना खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां खाना सेहत के लिए अच्छा है?🌱☘️
👉 नहीं।🙄
🤔हरी पत्तेदार सब्जियों के बारे में क्या कहते हैं आयुर्वेदिक आचार्य?
👉हरी पत्तेदार सब्जियों को भोजन के आयुर्वेदिक विभाग में शाक वर्ग के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।🌱☘️
👉आज की आम धारणा के विपरीत आयुर्वेदिक आचार्य अच्छे स्वास्थ्य के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने की सलाह नहीं देते हैं।❌👍
🤔 आयुर्वेदिक आचार्य हरी पत्तेदार सब्जियों के पक्ष में क्यों नहीं है ??
👉हरी पत्तेदार सब्जियाँ कषाय रस प्रधान, सूखी, पचने में भारी और शरीर की नाड़ियों में रुकावट पैदा करने वाली होती हैं। 🌱☘️
👉शुरुआत में आप पत्तेदार सब्जी खा कर मल त्याग को बेहतर महसूस कर सकते हैं लेकिन अंततः वे कब्ज का कारण बनते हैं।🌱☘️
👉 वे वात दोष बढ़ाते हैं।☘️🌱
👉वे हड्डियों और आंखों के लिए अच्छे नहीं हैं। ☘️
👉ये जोड़ों से संबंधित समस्या पैदा करते हैं।🌱
👉वे रक्त (रक्त ऊतक) और शुक्र धातु (प्रजनन स्वास्थ्य) के लिए अच्छे नहीं हैं।🍃
👉बुद्धि, स्मृति के लिए ठीक नहीं 🍃
👉वे समय से पहले बालों के सफेद होने का कारण बन सकते हैं। 🍃
आयुर्वेद में हरी पत्ते की सब्जियों को रोगों का वसंत तक कहा गया है अर्थात जैसे वसंत ऋतु में नए नए फूल खिलते है वैसे ही हरे पत्तेदार सब्जियों से शरीर में नए नए रोग होते है ।
🤔क्या उन्हें लेने का कोई तरीका है?
👉फिर भी यदि कोई हरी पत्तेदार सब्जियां खाना चाहता है तो उसे कुछ नियमों का पालन करना चाहिए ताकि उनके बुरे प्रभाव को कम किया जा सके।🍃🌱
👉आचार्य सुश्रुत हरी पत्तेदार सब्जियों को लेने का सही तरीका बताते हैं। 🍀☘️
👉खाने से पहले इन्हें उबालकर निचोड़ कर पानी अलग कर लेना चाहिए, फिर इन्हें घी या तेल और मसालों में पकाया जाना चाहिए।🍃🌱
👉ऐसा करने से बुरे प्रभाव कम से कम होते हैं लेकिन फिर भी पूरी तरह से समाप्त नहीं होते हैं। 👍🙄
👉सूखे पत्तों के प्रयोग से बचें। ✅
✅ताजी और मुलायम पत्तेदार सब्जियों का ही प्रयोग करें।
✅ उन्हें सप्ताह में एक या दो बार लें।
❌दैनिक भोजन में इनसे परहेज करें।
❌ बच्चों और बुजुर्गों की पाचन शक्ति कम होती है, उन्हें इनसे बचना चाहिए।
👉 वृद्धावस्था में वात पहले से ही अधिक होता है और पत्तेदार साग खाने से वात और अधिक बढ़ जाता है और इससे उनकी स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ जाएगी।🍃🌱
👉मजबूत पाचन शक्ति वाले और अत्यधिक शारीरिक परिश्रम करने वाले इन्हे फिर भी खा सकते है।
🤔तो फिर पंजाब के लोग सरसों का साग क्यों खाते हैं?
👉सरसो पंजाब में उगता है और उन्हें पीढ़ियों से इसे खाने की आदत होती है, वे कड़ी मेहनत करते हैं और मजबूत पाचन शक्ति रखते हैं इसलिए उनके लिए सरसो साग खाने से कोई समस्या नहीं होती है क्योंकि वे इसके आदी हैं। (देश सात्म्य) परंतु अन्य स्थान पर रहने वालो को इसे खाने से समस्या हो सकती है।
✅🌻अतः अच्छे स्वास्थ्य के लिए हरी पत्तेदार सब्जी की जगह अन्य हरी सब्जी जैसे लौकी,ककड़ी,करेला, तुरई आदि खाए।👍🌺🌷