
🌻डैंड्रफ की समस्या बहुत आम है यह एक ऐसी स्थिति है जहां सिर से मृत त्वचा के सफेद, सूखे गुच्छे निकलते हैं।
🌼बहुत सारे शैंपू आजमाने के बाद भी वह वापस आ जाता है।
🌼सामान्य तौर पर सिर की मृत त्वचा, नई त्वचा के प्रतिस्थापन होती रहती है लेकिन इसका पता नहीं हालत है वही डैंड्रफ में यह क्रिया तेज हो जाती है।
🌼आयुर्वेद में इसे दारुणक कहा गया है और इसे छोटे रोगों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
🌼यह जीवन के लिए खतरा नहीं है लेकिन इससे बाल झड़ सकते हैं, शर्मिंदगी हो सकती है और अगर इसे नजरअंदाज किया जाए तो कभी-कभी त्वचा भी संक्रमित हो सकती है।
🌼डेंड्रफ के कारण
👉केश उत्पादों के अवशेषों के कारण।
👉सिर की त्वचा की उचित सफाई न करना।
👉सिर पर नहाने से पहले तेल नहीं लगाना।
👉तनाव और चिंता।
👉कुछ रोग जैसे सोरायसिस, एक्जिमा, डर्मेटाइटिस आदि के कारण।
👉अधिक मात्रा में खट्टा भोजन करना।
👉ठंड या धूप के अत्यधिक संपर्क में आना।
👉ठंडे पानी का उपयोग करना।
👉थकावट।
👉रात्रि जागरण।
👉अत्यधिक पसीना आना और धूल के संपर्क में आना।
👉प्राकृतिक आग्रह को दबाना।
👉पोषक तत्वों की कमी।
उपरोक्त कारणों से वात और कफ दोष बढ़ जाता है जिससे रक्त खराब हो जाता है जिससे सिर में रूसी हो जाती है।
🌼डेंड्रफ के लक्षण
मृत त्वचा की सफेद धूल का निकलना।
खुजली।
बाल झड़ना।
सिर का भारीपन।
चुभन ।
🌼आयुर्वेदिक उपचार
☘️यदि कोई लंबे समय से रूसी से पीड़ित है तो उसे आयुर्वेद (पंचकर्म) चिकित्सा के लिए जाना चाहिए।
☘️आयुर्वेद में तेल या हेयर पैक जैसे बाहरी उपयोग का सुझाव दिया जाता है यदि रूसी केवल सिर की समस्या है, लेकिन जब यह सोरायसिस जैसी त्वचा रोगों के कारण होती है, तो प्रेरक रोग का उपचार दिया जाता ।
☘️रूसी में शिरोधारा, शिरोबस्ती जैसे उपचार बहुत उपयोगी होते हैं, इन उपचारों से बालों की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
☘️आयुर्वेदिक तेल- भृंगराज का तेल, दुर्दुरपत्री तेल, नलपरादी तेल आदि उपयोगी होते हैं।
☘️वात, कफ को संतुलित करने और रक्त को साफ करने के लिए उचित जांच के बाद दवा भी दी जाती है।
☘️आहार
✅आम, अनार, नींबू, नारियल, सहजन, घी आहार का हिस्सा होना चाहिए।
✅स्वस्थ स्कैल्प के लिए विटामिन ई युक्त भोजन जैसे बादाम, तिल, सूरजमुखी के बीज, पाइन नट्स, मूंगफली, अलसी, पिस्ता, सोयाबीन, गाजर, पपीता, कद्दू आदि फायदेमंद होते हैं।
✅अखरोट, चिया बीज,
फूलगोभी, कुष्मांड, मछली का तेल और लहसुन भी सहायक होते हैं।
✅गलत भोजन संयोजन, दही, ठंडे पानी और शराब से बचें।
✅मसालेदार और तैलीय भोजन से परहेज करें।
ज्यादा चाय और कॉफी न ले।
🌼कुछ घरेलू उपचार
👉खस खस और दूध के पेस्ट को स्कैल्प पर 30 मिनट के लिए लगाएं और फिर धो लें।
👉मुलेठी पाउडर, चिरौंजी और शहद का पेस्ट लगाएं।
👉मेथी को रात भर पानी में भिगो दें, पीस लें और 30 मिनट के लिए स्कैल्प पर लगाएं और फिर धो लें।
👉ताजा एलोवेरा जेल को 1 घंटे के लिए लगाएं।
👉मेथी दाना पाउडर और आंवला पाउडर रात भर पानी में भिगोएँ, दही डालें, 30 मिनट के लिए लगाएं और फिर धो लें।
👉गुड़हल के फूल, ताजे आंवला, तुलसी के पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर तिल के तेल और नारियल पानी में मिलाकर पानी के वाष्पन होने तक उबालें, छान लें और सिर धोने से कम से कम एक घंटे पहले सिर पर लगाएं।
👉नीम के पत्ते या करी पत्ते को तिल के तेल में उबाल लें, इस तेल को 30 मिनट के लिए लगाएं।
👉कपूर मिक्स नारियल तेल लगाएं।
👉नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर 30 मिनट के लिए लगाएं।
*सर्दियों में नारियल तेल का प्रयोग न करें, तिल के तेल का प्रयोग करें ।
👉दही, बेसन और नींबू के रस के पैक को स्कैल्प पर 30 मिनट के लिए लगाएं।
👉बालों को धोने के लिए छाछ का प्रयोग करें।
👉बाल धोने से पहले हमेशा गर्म तेल लगाएं।
👉बालों को धोने के लिए त्रिफला के पानी का इस्तेमाल करें या बालों को धोने के लिए आप त्रिफला पानी और शैम्पू मिला सकते हैं।
जब बाल सूख जाएं तो स्कैल्प पर थोड़ा सा तेल लगाएं।
️ 🧘रूसी से बचाव के लिए योगासन
✅अधोमुख श्वसन आसन, भुजंगासन, वज्रासन, चक्रासन, सर्वांगासन, ज्ञान मुद्रा और कपालभाति।
तनाव कम करने के लिए ध्यान करे
🌼डैंड्रफ को रोकने के लिए स्कैल्प पर कठोर रसायनों का प्रयोग न करें।
🌼अलग कंघी का प्रयोग करें, इसे साफ रखें।
🌼गर्दन के पिछले हिस्से से सिर के ऊपर तक बालों में कंघी करें जो बालों की विपरीत दिशा में हों।