एड़ी फटने के कारण और इसको ठीक करने के उपाय।

☘️फटी एड़ी का उल्लेख आयुर्वेद में पाददरी (पाद-पैर, दरी-फटना) के रूप में किया गया है, हालांकि यह एक गंभीर समस्या नही है लेकिन अगर इसे अनदेखा किया जाए तो यह तकलीफदायक हो सकती है।

☘️यह कॉस्मेटिक समस्या के रूप में शुरू होता है लेकिन जब दरारें गहरी हो जाती हैं तो इससे खून भी बहता है और बेहद दर्द भी हो जाता है।

☘️यह एक वात असंतुलन की समस्या है क्योंकि वात के असंतुलन से त्वचा में रूखापन आ जाता है, जब रूखापन अत्यधिक बढ़ जाता है, तलवों की त्वचा सख्त और फट जाती है क्योंकि यह पहले से ही पसीने वाली ग्रंथियों कम होने के कारण शुष्क होती है और आसानी से फट जाती है।

🌻कारण

* खुरदरी सतह पर नंगे पैर चलना।

*कठिन सतह पर लंबे समय तक खड़े रहना।

*पैर साफ न रखना।

* कठोर पानी के कारण और कठोर डिटर्जेंट उत्पादों का उपयोग करेंने से।

* अधिक गरिष्ठ भोजन (सूखा, ठंडा, पचने में हल्का  भोजन), कड़वा, कसैला,नमक और तीखा स्वाद (जैसे सरसों, करेला, दाल आदि) का अधिक सेवन करने से।

* चाय, कॉफी, शीतल पेय और शराब का अधिक सेवन।
*धूम्रपान करना।
*रात में देर तक  जागने से।

* असहज फुटवियर का इस्तेमाल करने से।

*ठंडा और शुष्क वातावरण ।

* बरसात और सर्दी का मौसम (बढ़े हुए वात)।

कभी-कभी थायराइड, मोटापा, मधुमेह आदि के कारण भी।

*तनाव, चिंता, शोक आदि।

कुछ लोगों को अपने शरीर के प्रकार (वात प्रकृति) या अपने पेशे (माली, सफाईकर्मी आदि) के कारण फटी एड़ी की संभावना अधिक होती है और महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक यह  समस्या होती है।

🌻इलाज

* फटी एड़ियों को ठीक करने के लिए वात को सन्तुलित करने वाले उपचार का पालन किया जाता है जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं

1. तेल लगाना – औषधीय तेल या घी लगाना

2.स्वेदन- पैरों को  गर्म पानी में डालकर या गर्म पानी से धोना।

3. लेप – हर्बल क्रीम का प्रयोग।

*वात शांत करने वाला आहार और जीवन शैली का पालन करें

* भोजन में घी, लस्सी, अधिक सब्जियां और फल शामिल करें।

*कारणों में बताए गए बिंदुओं से बचें।

🌻कुछ उपाय

✅पैरों को गर्म पानी और सेंधा नमक में डालकर या नींबू से रगड़कर मृत त्वचा को हटाना चाहिए।

✅पैरों को अच्छी तरह से साफ करने के बाद रात में निम्न में से किसी एक  को पैरों में लगा सकते हैं:

*  अरंडी का तेल लगाएं या इसमे  तिल के तेल में मिला कर लगाए।🌼

* सिर्फ घी  या घी में चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगा सकते हैं।🌼

* शहद लगाएं।🌼

* मोम लगाएं🌼

*तिल का तेल, कपूर और हल्दी के साथ मोम।
* एलोवेरा जेल और हल्दी लगाएं।
*नीम की पत्तियों का पेस्ट, हल्दी और नारियल का तेल लगाएं।

*आयुर्वेदिक पिंड तेल, जत्यादि तेल, कैलाश जीवन या शतधौतघृत का प्रयोग किया जा सकता है

👉एड़ी को फटने से रोकने  के लिए नियमित तिल तेल से पदाभ्यांग या पैरों की मालिश करें और नाभि में तेल लगाएं।

👉 यदि फटी एड़ी की समस्या पूरे वर्ष बनी रहती है और किसी बाहरी प्रयोग से ठीक नहीं होती है तो आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए क्योंकि यह बढ़े हुए वात का संकेत है जो समय पर संतुलित नहीं होने पर कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

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