
🌱नीम
✅भारत मे आसानी से उपलब्ध प्राकृतिक एंटी बैक्टीरियल, एंटीवायरल और एंटी माइक्रोबियल हर्ब है नीम।
🌱नीम के उपयोग
👉यह पचने में हल्का होता है और शरीर को हल्का भी बनाता है।
👉शरीर में अत्यधिक गर्मी, जलन, बुखार, प्यास और रक्तस्राव विकारों में उपयोग की जाने वाली शक्ति में शीतल औषधी है।
👉अगर आपको भूख नहीं लग रही है, भोजन में स्वाद नहीं आता और जीभ पर पर्त जमी है तो नीम की पत्तियों को खाएं और इसकी टहनी का उपयोग दांतों को साफ करने के लिए करें।
👉 श्वसन संक्रमण, खांसी, सर्दी और ब्रोंकाइटिस में उपयोगी।
👉 त्वचा में संक्रमण और घाव में यह उत्कृष्ट रक्त शोधक है।
👉 पीलिया में लाभकारी।
👉डायबिटीज – इसके पत्ते खाएं या इसका रस को लें।
👉 ल्यूकोरिया, योनि संक्रमण, खुजली और अत्यधिक रक्तस्राव में – इसके पत्तों को खाएं और इसके पानी से योनी धोएं।
👉 आंखों का संक्रमण, जलन और लालिमा में उपयोगी है।
👉 कब्ज – नीम के फल खाएं।
👉 यूरिनरी इनफ़ेक्शन में लाभकारी।
इसका इस्तेमाल कैसे करें ? 🤔
- इसके पत्ते खाए- 10-15 पत्ते। 2.इसका रस शहद के साथ ले सकते है।
- काढ़ा – पानी में पत्तियों को उबालकर, घाव और त्वचा के संक्रमण को धोने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- पेस्ट – स्थानीय रूप से त्वचा के संक्रमण, मुँहासे और रूसी पर लगाए।
- फूल – खाया जाता है और काजल बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है।
- फल – कब्ज, सूजन, बवासीर, कीड़े और मधुमेह में उपयोगी।
- तेल – स्थानीय अनुप्रयोग के लिए और अभ्यांतर प्रयोग के लिए।
- टहनी – दांत और मौखिक गुहा को साफ करने के लिए काम में ली जाती है।
- सूखे पत्तों का पाउडर – गर्म पानी में मिलाकर स्नान करें।
🤔किससे बचना चाहिए ??
👉अत्यधिक कमजोर, पतली और बेहद शुष्क त्वचा वाले व्यक्ति को इसका उपयोग नहीं करना चाहिए।