
🌺एला (इलायची) 🌺
🌷इलायची के स्वाद और सुगंध के बिना भारतीय मिठाइयाँ अधूरी हैं। 🌼
🌷यह एक प्राकृतिक सुगंध और स्वाद देने वाला एजेंट है, इसका उपयोग कृत्रिम चीजों के स्थान पर किया जा सकता है। 🌼
🌷इलायची का उपयोग केवल खाना पकाने में ही नहीं बल्कि कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है जैसे कि यह सितोपलादि और च्यवनप्राश का एक घटक है।🌼
🌷 यह न केवल भोजन को विशिष्ट स्वाद और सुगंध देता है बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं।🌼
🌷 इलायची को संस्कृत में एला के नाम से जाना जाता है। 🌼
🌷इलायची की 2 किस्में होती हैं एक छोटी हरी इलायची और दूसरी बड़ी इलायची, दोनों गुण और उपयोग में भिन्न होती हैं।🌼
☘️ हरी इलायची ☘️
👉यह स्वाद में कटु और मधुर होती है🌱
👉यह पचने में हल्की होती है और भोजन को भी पचाने में हल्का बनाती है। 🌱
👉 यह प्रकृति में शुष्क है। 🌱
👉 यह विपाक(पाचन के बाद) में कटु होती है।
👉 यह प्रकृति में ठंडी होती है।
👉यह कफ और वात दोष को संतुलित करती है।
🌱 इसके बीज और बीज के तेल का उपयोग किया जाता है
👉 यह भोजन में स्वाद को सुधारती है। 🌱
👉 यह रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करती है।
👉 इलायची फेफड़ों के लिए अच्छी होती है क्योंकि यह फेफड़ों के रक्त संचार को बढ़ाती है। 🌱
👉यह दमा, खांसी, जुकाम, क्षय रोग, सांस लेने में कठिनाई और पुराने श्वसन विकारों में उपयोगी है। 🌱
👉यह दिल के लिए अच्छी है ️।
👉 यह अपच, पेट फूलना, कब्ज, मुंह के छालों, जी मिचलाना और उल्टी से राहत देती है। 🌱
👉 यह पेशाब करते समय दर्द, पेशाब रुकने या पेशाब करने में कठिनाई से राहत देती है। 🌱
👉यह बवासीर की स्थिति में उपयोगी है। 🌱
👉 यह अत्यधिक लार को नियंत्रित करने में मदद करती है। 🌱
👉यह शरीर के दर्द को दूर करती है। 🌱
👉यह उच्च यूरिक एसिड में उपयोगी है।
👉 मुँह या जीभ सूखने की स्थिती से छुटकारा पाने के लिए इसे चबाएं।
👉यह शरीर में जलन के उपचार में उपयोगी है। 🌱
👉यह दिमाग को आराम देती है। 🌱
👉 इसके अधिक उपयोग से बचें🌱
🌱काली इलायची 🌱
✅यह गर्म मसाला की सामग्री में से एक है।
✅ यह स्वाद में कटु और तिक्त होती है ।
✅यह प्रकृति में हल्की और शुष्क है ।
✅यह शक्ति में गर्म है ।
✅यह कफ और वात को संतुलित करती है।
✅ यह पित्त बढ़ाती है ।
✅यह शरीर के दर्द को दूर करती है। 🍁
✅ यह दुर्गंध से छुटकारा दिलाती है। 🍁
✅ यह भूख में सुधार करती है🍁
✅ यह चर्म रोग में उपयोगी है जी मिचलाने की स्थिति में यह उपयोगी है। 🍁
✅ यह उच्च रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करती है। 🍁
इसका उपयोग कैसे करना है? 🤔
👍 इसे खाने में शामिल करें।
🌱इसे दूध और चाय में मिला कर लें सकते है।
🌱इसे मिठाइयों में डालें ।
🌱इसे सीधे चबा सकते है।
🌱 इसे पानी में भिगो कर ,पानी को छान कर उपयोग कर सकते है।
👍हमेशा इसके ताजे कुटे हुए बीज के पाउडर का प्रयोग करें।
👍इलायची को एयरटाइट डिब्बे में भर कर रखे नही तो इसकी खुशबू उड़ जाती है।
✅अगर आप चाय में अदरक का इस्तेमाल करते हैं तो चाय में इलायची मिलाएं, क्योंकि अदरक की गर्मी को संतुलित करके एसिडिटी होने से रोकती है।
🤔 मिठाईयो में इलाइची क्यों डालें?
👉यह न केवल मिठाई को सुगंध और स्वाद देती है बल्कि पाचन में भी मदद करती है और मीठे स्वाद के कारण कफ या बलगम के उत्पादन को रोकती है।
🌷एला के कुछ घरेलू नुस्खे🌷
✅ खांसी में इसे शहद के साथ लें ।
✅खुजली में काली इलायची का लेप लगाएं। 👍
✅सूखी खांसी, यूटीआई – तवे पर इसे जलाकर पीस लें, शहद डालकर चाटें
✅ दांतों के कीड़े, सांसों की दुर्गंध और मसूढ़ों की सूजन में – इसे रात भर पानी में भिगोकर रखें और सुबह इस पानी से गरारे करें। 🌼
✅ सांसों की दुर्गंध, गले में खराश, मुंह सूखना, उल्टी, सिर दर्द और ज्यादा प्यास लगने पर इसे चबाएं। 🌼
✅शरीर में अत्यधिक गर्मी या जलन – इसका चूर्ण घी के साथ लें
✅ यूरिन रिटेंशन – इसे आंवले के रस के साथ लें।
✅इलायची का तेल – इसे दांत दर्द पर लगाएं ✅भूख ना लगने पर इसे पान के साथ लें। 🍀
✅मोशन सिकनेस में इसके चुटकी भर पाउडर मुंह में रख ले ।
✅पेट गैस की बज से फूलने पर – इसे पानी में भिगो दें रात भर के लिए , इस पानी को छानकर सुबह पियें या फिर खाने से पहले इलायची, अदरक और सेंधा नमक का सेवन करें ।
✅खाँसी – इसे दही मस्तू के साथ लें।🌷
✅ सांसों की दुर्गंध और दस्त में इसे सीधे चबाएं।
🍀 सिरदर्द – इलायची की चाय पिएं। 🌼 ✅आंखों की सुरक्षा के लिए इलायची को शहद के साथ सेवन करें।