क्या आप भोजन में रोज दही खाते है ? पर आयुर्वेद इसकी सलाह नही देता है, यह एक आदत आज ही बदले।

क्या आप गर्मियों में दही खाते हैं और सर्दियों में इसको खाने से परहेज़ करते है???🤔 लेकिन आयुर्वेद में ऐसा नहीं बताया गया है।😱.

☘️दही की प्रकृति गरम🔥होती इसीलिए आयुर्वेद सर्दियों और बरसात के मौसम में इसका उपयोग करने और गर्म मौसम में इससे बचने का सुझाव देता है।

☘️दही स्वाद में खट्टा और पचाने में भारी होता है। लेकिन इसे पचाने में दूध की तुलना में कम समय लगता है। इसलिए जिन्हें दूध नहीं पचता दही उनके लिए बेहतर विकल्प है।

☘️दही प्रोटीन, बी कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम, फोलिक एसिड, पोटेशियम और फास्फोरस का एक उत्तम स्रोत है।

☘️यह वात दोष को शांत करता है लेकिन कफ और पित्त को बढ़ाता है।

☘️यद्धपि दही का उपयोग सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन कुछ परिस्थितियों में इसके हानिकारक प्रभाव भी होते है। आयुर्वेद में इसके सम्पूर्ण लाभ और हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए कुछ नियम बताए गए है जिनका पालन करना चाहिए।

🌻दही के लाभ

👉दही का इस्तेमाल वसा (मोटापे) को, शरीर में शक्ति को💪, पाचन तंत्र की अग्नि🔥को बढ़ाता है और साथ ही सामान्य कमजोरी को दूर करने में भी सहायक है। यह प्रोबायोटिक के रूप में काम आता है।

👉यह दस्त के समय उपयोग में अच्छा है।

👉यह मूत्राशय को उत्तेजित करता है जिससे मूत्र विसर्जन में आसानी होती है।

👉दही को शक्कर के साथ लेने से तुरंत ऊर्जा प्राप्त होती है।

👉यह स्वाद की कली (Taste Bud) को उत्तेजित करता है इसलिए क्षुधावर्धक (Appetizer) का काम भी करता है।

👉नाक बहने🤧जैसी स्थिति में इसे मसालों के साथ समझदारी से लेना चाहिए।

👉 यह हड्डियों के लिए भी अच्छा है।

👉इसको खोपड़ी (सर की त्वचा) पर लगाने से रूसी (डैंड्रफ) को ठीक किया जा सकता है।

👉चेहरे की त्वचा को साफ करने और रोमछिद्रों को खोलने के लिए इसको बेसन के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाया जा सकता है।

🌻इसके उपयोग संबंधित नियम

👉दही को कभी गर्म ना करे और ना ही इसको गरम गरम खाने के साथ लेवे (जैसे गरम पराठा या खिचड़ी)।

👉इसका उपयोग रात में ना करें।🌌

👉इसके इस्तेमाल से वसंत (मार्च से मई), शरद (अक्टूबर) और ग्रीष्म (मई से बारिश की शुरुवात तक) ऋतु में बचना चाहिए। गरम मौसम के दौरान छाछ का उपयोग करना चाहिए।

👉सर्दी और बारिश का मौसम इसके उपयोग का सबसे उत्तम समय होता है।

👉इसका उपयोग रोजाना नहीं करना चाहिए।

👉अच्छे से ना जमे हुए दही को कभी नहीं लेना चाहिए।

👉कभी भी सिर्फ दही का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसको हमेशा शहद/शक्कर/आंवला पाउडर/मूंग या सैंधा नमक मिलाकर लेना चाहिए।

☘️यदि उपरोक्त नियमों की बार-बार उपेक्षा की जाती है तो यह बुखार, त्वचा रोग, रक्तस्राव विकार, उच्च रक्तचाप आदि का कारण बनता है।

☘️ केवल घर का बना ही दही इस्तेमाल करे।

घर पर दही को कैसे बनाए?❓

😊दही को घर पर आसानी से बनाया जा सकता है।गर्म दूध में थोड़ा सा दही मिलाकर 5-6 घंटे के लिए जमने के लिए रख दिया जाता है। गरम जलवायु में इसको कम समय लगता है जबकि ठंड मे ज्यादा समय लगता है। दही को जमाने के लिए कांच, स्टील या मिट्टी के बर्तन का उपयोग करें। इसे कभी भी तांबे के बर्तन में न रखें।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

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