
🌷कसरत को संस्कृत में व्यायाम कहा जाता है, जिसका अर्थ है शरीर में थकान पैदा करने वाली क्रिया।
🌷आयुर्वेद में इसका उल्लेख दैनिक दिनचर्या के तहत किया गया है। इसका मतलब यह है कि नियमित व्यायाम करने का लाभ हजारों वर्षों से सिखाया गया है।
🌷नियमित व्यायाम करने के लाभ🧘🏋️🏃
✅नियमित व्यायाम शरीर में मजबूती, दृढ़ता और हल्कापन पैदा करता है।
✅इससे पाचन तंत्र (Digestion System), रक्त परिसंचरण (Blood Circulation) और प्रतिरक्षा (Immunity) में सुधार होता है।
✅मन को शांत, स्मृति में सुधार और ध्यान को केंद्रित करने लाभ देता है।
✅शरीर से विषाक्त पदार्थों (Toxins) को हटाता है।
✅गर्म या ठंडे मौसम के लिए शरीर की सहनशीलता को बढ़ाता है।
✅शरीर के जोड़ों के लिए अच्छा होता है।
✅शरीर को सुडौल बनाता है।
✅मोटापे का इलाज करने के लिए सबसे अच्छा।
👉आयुर्वेद के अनुसार अच्छी तरह से व्यायाम और तेल की मालिश शरीर को रोगों से दूर रखता है।
🤔 कितना व्यायाम करना चाहिए?
👉आयुर्वेद कहता है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को अपनी ताकत का आधा हिस्सा व्यायाम करने में प्रयोग करना चाहिए।
अब आप कैसे जानेंगे कि आपने अपनी आधी ताकत तक व्यायाम कर लिया है?
जब आपके माथे से पसीना बहने लगता हैं और आप मुंह से सांस लेना शुरू कर देते हैं, इसका मतलब होता है कि आपने अपने शरीर से उचित ताकत उपयोग कर ली है।
✅व्यायाम की तीव्रता (Intensity) मौसम पर भी निर्भर करती है
- गर्मियों में और बारिश के मौसम में हल्के से मध्यम व्यायाम
- सर्दियों में भारी व्यायाम। आपको गर्म स्थानों पर कम व्यायाम करना चाहिए और ठंडी जगहों पर अपनी पूरी क्षमता से व्यायाम करना चाहिए।
उपरोक्त नियम स्वस्थ व्यक्ति के लिए हैं।
👉मोटे व्यक्तियों को अपनी पूरी क्षमता से व्यायाम करना चाहिए और इसकी तीव्रता और समय को बढ़ाते रहना चाहिए।
👉 व्यायाम कितना करना है यह व्यक्ति की प्रकृति पर भी निर्भर करता है जैसे वात प्रकृति को कम,पित्त को मध्यम और कफ को अधिक व्यायाम करना चाहिए।
🌷व्यायाम कब नहीं करना चाहिए?
❌भोजन करने के बाद
❌रोगों की स्थिति में
❌जब प्यास लगे या भूख लगे
❌भारी काम के बाद
🌷अधिक व्यायाम कर लेने की निशानियां
👉थकावट महसूस होना
👉शरीर की क्षमता कम हो जाना
👉अत्यधिक प्यास लगना
👉बुखार, उल्टी, सांस की समस्या, त्वचा संबंधी समस्याएं, रक्तस्राव विकार और खांसी हो जाना
🤔क्या माहवारी के दौरान व्यायाम किया जाना चाहिए?
यह एक आम सवाल है जिसका उत्तर हर महिला जानना चाहती है। आयुर्वेदिक ग्रंथों के अनुसार माहवारी के दौरान आपको भारी व्यायाम से बचना चाहिए क्योंकि इससे दर्द और रक्तस्राव बढ़ सकता है।
🤔व्यायाम के लिए सबसे अच्छा समय कौन सा है?
✅सुबह (6से 10 बजे का दोष काल) व्यायाम करने का सबसे अच्छा समय है।
👉10am-2 pm पित्त काल होता है। यदि आप इसमें व्यायाम करते हैं तो इससे शरीर की गर्मी बढ़ सकती है जिससे शरीर में पित्त की वृद्धि हो सकती है और इसके फलस्वरूप विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं।
👉2pm-6 pm वात समय है। इस समय में व्यायाम करने से अत्यधिक थकान और शरीर में दर्द हो सकता है।
👉शाम या रात को भारी व्यायाम करने से नींद से संबंधी विकार हो सकते है।
✅लेकिन अगर आपके लिए सुबह व्यायाम करना बिलकुल संभव नहीं है तो आप अपने सुविधाजनक समय में व्यायाम कर सकते है।