
🌷 आमतौर पर सभी को कई बार कुछ कारणों से थकान महसूस होती है लेकिन अगर थकान महसूस होना जीवन की सामान्य स्थिति बन जाए तो इसे ठीक करना महत्वपूर्ण/आवश्यक होता है।
🌷आज की व्यस्त दुनिया में शारीरिक या मानसिक रूप से थकान महसूस करना बहुत आम समस्या बन गई है।😰
🌺 थकावट के लक्षण
🌼 आलस्य * ऊर्जा की कमी * कमजोरी * पेट में हर समय भारीपन रहना * घंटो की अच्छी नींद के बावजूद जागने के बाद ताजगी का एहसास/महसूस नहीं होना * चक्कर आना, पेट फूलना * सिरदर्द * शरीर में दर्द * छोटी सांस * नींद आना * मिजाज बदलना* भूख कम लगाना एकाग्रता कम होना धीमी प्रतिक्रिया या कार्य करना।
🌺 कारण और उनके समाधान
👉 अपनी रोज़मर्रा की गतिविधि को करीब से देखकर 🧐 आप अपनी थकान के कारणों का पता लगा सकते हैं क्योंकि केवल इन कारणों को दूर करके ही आप शांति, ऊर्जा और आनंद लेने में सक्षम हो सकते हैं।
👉 दिमाग, शरीर और भावनाओं का अति प्रयोग 😨 – अगर आप अपनी क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं या व्यायाम कर रहे है और कम सो रहे हैं तो यह शारीरिक या मानसिक थकान का कारण बन सकता है।
👉 दिमाग, शरीर और भावनाओं का गलत उपयोग करना 😳 – अगर आप अपनी प्रकृति या क्षमताओं के खिलाफ कुछ कर रहे हैं तो यह आपको तनाव की ओर ले जाएगा जैसे कि अगर आप ईमानदार हैं और आपको रिश्वत देने के लिए दबाव डाला जाता है तो इससे आपको मानसिक तनाव या थकान होगी।
👉 दिमाग, शरीर और भावनाओं के उपयोग में कमी – अगर आप अपनी क्षमता के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं और अधिक नींद ले रहे है 🥴 तो भी आपको थकान महसूस हो सकती है।
👉 थकान के उपरोक्त कारणों का समाधान ऐसे व्यवहार को रोकना और मन, शरीर और भावनाओं का संतुलित उपयोग करना है। 😇
👉 अनुचित और अनियमित आहार – यह तीनों प्रकार की थकान (दिमाग, शरीर और भावना) का कारण बनता है क्योंकि अनुचित आहार जैसे फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, कैफीन, आइसक्रीम, पैक और संसाधित भोजन शरीर में अम्ल(विषाक्त) पैदा करते हैं। पोषक तत्वों की कमी और भोजन का अनियमित समय भी थकान का कारण बनता है। 😵
👉 रोग- कई विकार जैसे उच्च या निम्न रक्त शर्करा उच्च या निम्न थायराइड, नींद संबंधी विकार, आदि।
🌷 थकान के कारण तीनों दोष बढ़ जाते है किन्तु कफ दोष शारीरिक थकान के कारण, वात दोष मानसिक थकान के कारण और पित्त दोष भावनात्मक थकान के कारण मुख्य रूप से बढ़/असंतुलित हो जाते है। बढ़े हुए दोष के अनुसार आहार और जीवनशैली 🌄 में बदलाव करने होते है जिसके लिए आपको आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
🌷 धूम्रपान और शराब का सेवन बंद करें। 🚭
🌷 आयुर्वेदिक मालिश या अभ्यंग लेवे।
🌷 जड़ी-बूटी जैसे अश्वगंधा, ब्राह्मी,🌱🌳 शतावरी, आंवला, केसर, शिलाजीत आदि उपयोगी होते है। आयुर्वेदिक नुस्खे जैसे च्यवनप्राश, दशमूलारिष्टम्, द्राक्षासव, द्रक्षावलेह, अश्वगंधारिष्टम आदि लाभकारी है लेकिन इन्हे केवल आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लेना चाहिए।👩⚕️
🌷 पाचन में सुधार के लिए मसाले जैसे अदरक, काली मिर्च, हल्दी, दालचीनी आदि को अपने भोजन में शामिल करें।
🌷 ताजा फल🍇🍉🍊🍍🥭🍌, सब्जियां, घी और भोजन का सेवन करे ये पचाने में आसान होते है।
🌷 तय/निश्चित समय पर अपना भोजन लेवे।👍
🌷 सही व निश्चित दैनिक दिनचर्या का पालन करें।👍
🌷 सोने से ठीक पहले मानसिक कार्य करने से बचें।❌
🌷जल्दी और निश्चित समय (10-11PM) पर सोए😴
🌷 बढ़े हुए दोष के अनुसार योग, प्राणायाम और ध्यान करे।🧘♀️