थाइरोइड की समस्या क्यो होती है और क्या आयुर्वेद में इसका इलाज है?

☘️थायरॉयड की समस्याएं होने का कारण और उन्हें ठीक करने के उपाए।

👉थायराइड की समस्या आज इतनी आम हो गई है कि लोगों ने इसके साथ रहना सीख लिया है क्योंकि उन्हें लगता है कि सुबह छोटी सी गोली खा लो और निश्चिंत  हो जाओ।

👉लेकिन क्या आप जानते हैं कि थायराइड की दवा लेने से वास्तव में आपकी थायरॉइड ग्रंथि और कमजोर हो रही है क्योंकि अब उसे हार्मोन बनाने की जरूरत नहीं होती है और लंबे समय तक उपयोग में नही आने से वो निष्क्रिय हो जाती है ।

👉थाइरोइड ग्रंथि के ठीक से काम नही करने के कारण जाने बिना  सिर्फ   दवा लेना एक वास्तविक उपचार नहीं है और आपको अंततः कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

👉थायराइड ग्रंथि की तीन प्रकार की सामान्य समस्याएं हैं हाइपोथायरायडिज्म (थायरॉयड ग्रंथि का कम सक्रिय होने), हाइपरथायरायडिज्म ( थायरॉयड ग्रंथिका अधिक सक्रिय होना ) और गण्डमाला।

🤔हाइपोथायरायडिज्म क्या है?

👉यह ऐसी स्थिति है जहां इस स्थिति में थायरॉइड ग्रंथि पर्याप्त थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है, टी 3, टी 4 सामान्य या कम होगा और टीएसएच बढ़ जाएगा।

👉इससे धीमा चयापचय, मोटापा, हृदय की समस्याएं, ठंड असहिष्णुता, शुष्क त्वचा, भंगुर नाखून, सूजन जैसे लक्षण होते हैं।
चेहरे पर सूजन, आवाज की कर्कशता, मांसपेशियों की कमजोरी, अनियमित पीरियड्स, बालों का झड़ना, कोलेस्ट्रॉल में वृद्धि, स्मृति हानि, मूड स्विंग्स, बांझपन, अवसाद आदि लक्षण दिखाई देते है ।जरूरी नही सबमे सब लक्षण हो।

👉स्पष्ट रूप से यह शरीर की कई प्रणालियों को प्रभावित करता है।

🤔हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण क्या हैं?

👉इसमें थायरॉयड ग्रंथि द्वारा T3,T4 या दोनों ही हार्मोनस अधिक स्रावित होते हैं और tsh कम होता है । इसमें चयापचय दर तेज हो जाती है, वजन कम होना, धड़कन बढ़ना, कंपकंपी, घबराहट, गर्मी असहिष्णुता, थकान, अत्यधिक पसीना, गति की आवृत्ति में वृद्धि आदि लक्षण मिलते है ।

👉गण्डमाला में थायरॉयड ग्रंथि का  आकार   बढ़ जाता है।

☘️अधिकांश लोग हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित होते है।

🤔थायरॉयड ग्रंथि कमजोर क्यों होती है या ठीक से काम क्यों नहीं करती है ??

🌼इसके अनुचित कार्य के कई कारण हैं।

👉गलत जीवन शैली, खान-पान और चिंता से थायराइड की समस्या का मुख्य कारण है।

👉रात 10 बजे के बाद सोना और देर से उठना।

👉भोजन के लिए निम्नलिखित कोई निश्चित समय नहीं है, ताजा, पका हुआ, गर्म और स्थानीय भोजन नहीं करना है।

👉बहुत अधिक सोया दूध और टोफू लेना।

👉घी और दूध जैसे अच्छे पशु प्रोटीन का उपयोग नही या कम करना।

👉फ्लोरिनेटेड पानी
फ्लू वैक्सीन, मछली, वायु प्रदूषण और दांत भरने में पारे का उपयोग थाइरोइड ग्लैंड के कार्य को प्रभावित करता है ।

👉गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक सेवन करना।

👉यकृत का अनुचित कार्य।

👉आंत में अनुकूल जीवाणुओं का ह्रास।

👉शरीर और मन की अति सक्रियता।

👉तनाव।

👉वात बढ़ाने वाली जीवनशैली और खान-पान।

☘️तो समस्या वास्तव में थायरॉयड ग्रंथि की नहीं है, लेकिन यह कई अन्य कारकों से क्षतिग्रस्त हो गई है और उन पर ध्यान देने के बजाय सिर्फ हार्मोनल गोली लेने से मदद नहीं मिलेगी।

☘️आपकी रिपोर्ट में सामान्य मान मिल सकते हैं लेकिन फिर भी आप  थायरॉयड ग्रंथि के असामान्य कार्य के लक्षण महसूस करते हैं।

☘️इसलिए समस्या के कारण का पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है और यह किसी भी बीमारी के लिए आयुर्वेदिक उपचार का पहला कदम है।

🤔थायराइड की समस्या को कैसे ठीक करें?

☘️पता करें कि आपको यह समस्या क्यों हो गयी है।आयुर्वेदिक चिकित्सक यह जानने में आपकी मद्दत कर सकते है।

☘️अपने लीवर और आंत के स्वास्थ्य में सुधार करे।

☘️आराम करना सीखें, भागदौड़ और मल्टीटास्किंग बंद करें।

☘️रिफाइंड तेल का इस्तेमाल बंद करें
रिफाइंड  चीनी, बर्फ के ठंडे पेय, आइसक्रीम, शराब, कैल्शियम , इरीन के सप्लीमेंट्स नही ले।

☘️सुबह नियमित व्यायाम, योग और ध्यान करे ।

☘️आयुर्वेदिक आहार, मौसमी दिनचर्या, दैनिक दिनचर्या, मासिक धर्म के नियम, गर्भावस्था के दौरान और बाद में देखभाल और सद्वृत्त का पालन करें।(सभी के बारे में पोस्ट्स वेबसाइट पर है )

☘️आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श के बाद थाइरोइड ग्रंथि को   मजबूत करने के लिए चिकित्सा ले । आयुर्वेद मे अग्नि को और दोषो सामान्य करने की चिकित्सा की जाती है।

🌷आपको आश्चर्य होगा कि केवल आयुर्वेदिक दिनचर्या और आहार का पालन करने से भी आपके कितने लक्षण गायब हो जाते हैं।

🌻आप न केवल थायराइड बल्कि इससे जुड़ी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचाव कर लेगे।

🌷तो थाइरोइड की कोई समस्या हुई है है या अभी सिर्फ लक्षण दिखने शुरू हुए है दोनों ही स्थितियों में आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर करे और जीवन भर दवाई लेने से बचे।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

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