सुबह स्नान करने का सेहत के लिये महत्व जाने।

🌺स्नान का महत्त्व

👉बहुत पुरानी बात नहीं है जब हमारे देश में लगभग हर संस्कृति में सुबह स्नान करना सभी के लिए महत्वपूर्ण था, चाहे वह सुबह की प्रार्थना से पहले हों , रसोई में खाना बनाना के लिए या पढ़ाई शुरू करने से पहले।

👉 विशेष स्थान पर विशेष दिनों में सुबह जल्दी उठ कर स्नान करना हमारी संस्कृति का हिस्सा रहब है, कुंभ स्नान भी एक ऐसी धार्मिक प्रथा है। 🌺

👉सुबह का स्नान केवल शरीर को साफ करने का एक अभ्यास नहीं है, बल्कि इसके और भी कई आयाम हैं ।

👉 सुबह का स्नान स्वच्छता और सुकून देता है शरीर, मन और आत्मा को । 😇

👉 विषाक्त पदार्थों, थकान, पसीना, शरीर की गंध को दूर करता है और जलन से राहत देता है। 👍🌸

👉 ताजगी, ऊर्जा, उत्साह, हल्कापन और मानसिक स्पष्टता के साथ दिन की अच्छी शुरुआत देता है। 💐

👉 यह पाचन अग्नि को बढ़ाता है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है, त्वचा के अन्य कार्यों में सुधार करता है और मन को सक्रिय करता है। 😎🌻

👉 स्नान आयुर्वेदिक दैनिक दिनचर्या का हिस्सा है और इसे अभ्यंग(तेल मालिश) और व्यायाम के बाद सुबह किया जाना चाहिए। 🌿

👉इसे दिन में दो या तीन बार किया जा सकता है लेकिन सुबह का स्नान अवश्य करना चाहिए।

सुबह का स्नान क्यों महत्वपूर्ण है ??

👉जब हम रात्रि में सोते है तब हमारा शरीर भोजन को पचाने, ऊतकों को बनाता है और मरम्मत भी करता है , इस प्रक्रिया में प्रत्येक कोशिका अपशिष्ट उत्पाद का उत्पादन करती है जिसे शरीर विभिन्न मार्गों से निकलता है और एक मार्ग त्वचा के छिद्र होते हैं इसलिए उन हानिकारक अपशिष्ट को हटाने के लिए सुबह में ही स्नान करना महत्वपूर्ण है।

👉अन्यथा वे टॉक्सिन्स त्वचा की छिद्र को अवरुद्ध कर देते हैं या वे शरीर द्वारा वापस अवशोषित हो जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। 🌺

👉 स्नान करते समय पहले सिर पर पानी डाले फिर शरीर के बाकी हिस्सो पर ।
✅ सिर के लिए ठंडा या सामान्य पानी और निचले शरीर के लिए गर्म पानी का उपयोग करे।

✅ गर्म या ठंडे पानी का उपयोग निम्न कारकों पर भी निर्भर करता है
👉 उम्र- बच्चों और बूढ़ों को गर्म पानी का उपयोग करना चाहिए और वयस्कों को ठंडे पानी का उपयोग करना चाहिए।

मौसम- सर्दियों में गर्म और गर्मियों में ठंडे पानी का उपयोग करें।
विकार- वात और कफ विकारों में शीतल जल, पित्त विकारों में गर्म पानी।

समय – सुबह ठंडा और शाम को गर्म पानी उपयोग करे।
👉 सर्दियों में अत्यधिक ठंडा पानी स्नान में उपयोग करने से कफ – वात असंतुलन है जाता है जो शरीर में दर्द, अकड़न, सूखापन आदि करता है।

🤔सिर के लिए गर्म पानी का उपयोग क्यों नहीं करना चाहिए?

✅सिर पर गर्म पानी का प्रयोग करने से इन्द्रियां कमजोर हो जाती है, बालों की जड़ कमजोर हो जाती है, आँखों की रोशनी खराब होती है, शरीर में गर्मी बढ़ जाती है और गुस्सा भी बढ़ जाता है।

👉साबुन के स्थान पर हर्बल बाथ पाउडर का उपयोग करें।
👉 विभिन्न पदार्थों को मौसम और शरीर के प्रकार के अनुसार पानी में मिलाया जा सकता है। जैसे विभन्न तेल,चंदन, दूध इत्यादि।

👉 आयुर्वेद में विभिन्न काढ़े और तरल
का स्नान उपचार के रूप में दिया जाता है।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

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