
🌱सोंठ या शुंठी को इसके कई उपयोगों के कारण विश्वभेषज(सार्वभौमिक औषधि) भी कहा जाता है।
🙂 यह एक प्राकृतिक दर्द निवारक है, जिसका उपयोग आयुर्वेद में पेट के दर्द, जोड़ों के दर्द, सिरदर्द और मासिक धर्म के दर्द सहित सभी प्रकार के दर्द को दूर करने के लिए किया जाता है क्योंकि यह शरीर में वात दोष को संतुलित करता है।
🍁यह शरीर में वात और कफ दोष को संतुलित करता है।
🧐 ताजा अदरक और सोंठ में क्या अंतर है?
🔥ताजा अदरक प्रकृति में शुष्क🍁 और गर्म होती है, इसे लंबे समय तक इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। दूसरी ओर, सूखी अदरक या सोंठ गर्म होती है लेकिन प्रकृति में स्निग्ध होती है इसे लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
🌷ताजा अदरक कब्ज में उपयोगी है जबकि सोंठ IBS (इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम) और डायरिया में शोषक गुण होने से उपयोगी है।
🌷 ताजा अदरक के अधिक सेवन से सूखापन और गले में जलन होती है।
🌷 सोंठ ऊतक के गहरी तक कार्य करती है और इसका असर भी शीघ्र होता है।
🧐सोंठ के क्या उपयोग हैं?
✅यह पाचन में सुधार करती है, सूजन, पेट दर्द, अम्लता में उपयोग किया जाता है – इसे सब्जियों में, छाछ में मिलाएं या आंवला पाउडर के साथ लें।
✅ यह सूजन, जोड़ों में दर्द, जकड़न, गठिया में लाभकारी है – इसका खाने में इस्तमाल करें, तिल के तेल में इसे मिलाकर मालिश करें।
✅यह हृदय के लिए अच्छी है।
✅ लीवर के लिए अच्छी है।
✅ एनीमिया, पीलिया में उपयोगी है – गुड़ के साथ इसका का सेवन करें।
✅पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए अजवायन और गुड़ के साथ इसका सेवन करें।
✅ पाइल्स में- गुड़ के साथ शुंथी को खाए।
✅दांत दर्द में- शुंठी का पेस्ट लगायें।
✅मोटापे में – जीरा, शुंठी को एक गिलास पानी में 1/4 रहने तक उबालें, इसे सुबह खाली पेट पिएं।
✅यह श्वसन संबंधी विकारों में उपयोगी है।
✅सर दर्द में इसका पेस्ट माथे पर लगाएं। 🌞
इसकी मात्रा क्या होनी चाहिए? 🤔
250 मिलीग्राम – 1 ग्राम के बीच सोंठ का सेवन कर सकते है, बाकी रोग की गंभीता के अनुसार वैद्य की बताई मात्रा में ले।