गुड़ क्या रोज खाना अच्छा है? नया या पुराण कोनसा गुड़ अच्छा होता है?


🌻गुड़ का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों में न केवल इसकी मिठास के लिए बल्कि इसके पोषण मूल्य के लिए भी किया जाता है।

🌻भारत में मेहमानों को ठंडे पानी के साथ गुड़ देने की परंपरा थी क्योंकि यह तुरंत ऊर्जा देता है और व्यक्ति को फिर से जीवंत करता है।🤩

🌻गुड़ गन्ने का रस को पका कर गढ़ा करने से बनता है।🌱

🌻यह पोटेशियम, मैग्नीशियम, लोहा, जस्ता, कैल्शियम फास्फोरस जैसे विटामिन और खनिजों में समृद्ध है।👍

🌷गुड़ के आयुर्वेदिक गुण

🌱आयुर्वेद के अनुसार गुड़ 2 प्रकार के होती है
1.धौत (धोया हुआ)- यह कफ को नहीं बढ़ाता, वात और पित्त को संतुलित करता है। यह मूत्र और मल को बढ़ाता है।

2.अधौत (बिना धुला या अपरिष्कृत) - यह वात और पित्त को संतुलित करता है। शरीर में वसा और ताकत बढ़ाता है, यह मूत्राशय, रक्त को साफ करता है लेकिन अधिक मात्रा में आंतों के कीड़े पैदा कर सकता है।


🌷ताजा गुड़ शरीर में कफ को बढ़ाता है और अपच का कारण बनता है, जिनका पाचन मजबूत होता है वे इसका सेवन कर सकते हैं।
🌷पुराना गुड़ ताजा गुड़ से ज्यादा मीठा होता है लेकिन पचने में हल्का होता है, सभी दोषों के लिए अच्छा होता है इसलिए गुड़ 1 वर्ष या उससे अधिक पुराना होना चाहिए।

👉सफेद या पीले रंग का गुड़ अच्छी गुणवत्ता का नहीं होता है।

🌻गुड़ के स्वास्थ्य लाभ

👉️यह भूख, पाचन में सुधार और कब्ज से राहत दिलाता है।

️ 👉खाने से पहले जीरा के साथ गुड़ खाने से सूजन, पेट फूलना, डकार में आराम मिलता है।

️👉यह तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है और कमजोरी को कम करता है।

👉️ दिल के लिए अच्छा है, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। धड़कन अत्यधिक बढ़ने से राहत दिलाता है।
👉यह रक्त शोधक के रूप में कार्य करता है।

️👉एनीमिया में उपयोगी।

👉️ मोटापे, सूजन, उच्च कोलेस्ट्रॉल और हाइपोथायरायडिज्म में अदरक के साथ इसका सेवन करें।

👉️ ब्लैडर क्लींजर, यह मूत्र उत्पादन को बढ़ाता है, पेशाब को जलाने में मदद करता है

️ 👉वजन बढ़ाने में मदद करें।

️👉खांसी और सर्दी में उपयोगी, काली मिर्च और सोंठ के चूर्ण के साथ इसका सेवन करें।

️ 👉इसका उपयोग अस्थमा और एलर्जी श्वसन विकारों में निवारक के रूप में किया जाना चाहिए।

️ 👉हिचकी, बदन दर्द, जोड़ों का दर्द और सांस लेने में तकलीफ में सोंठ के चूर्ण के साथ गुड़ का प्रयोग करना लाभकारी होता है।

️ 👉माइग्रेन और सिरदर्द में गाय के घी के साथ गुड़ का सेवन लाभकारी होता है।
️ 👉यह मासिक धर्म के पूर्व के लक्षणों जैसे ऐंठन, पेट दर्द, पीठ दर्द, चिड़चिड़ापनमें राहत देता है, काले तिल के साथ गुड़ को रोजाना दो बार खाने से मासिक धर्म के पूर्व लक्षणों में राहत मिलती है और यह एनीमिया में भी काम करता है।

👉️ जलन होने पर इसे हरड़ के चूर्ण के साथ प्रयोग करें।

👉 ️ बवासीर में इसे खाने से पहले हरीतकी के साथ प्रयोग करना चाहिए।

☑️ शुक्राणु की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करता है।

👉 ️गुड़, घी के साथ चपाती खाने से ताकत और सहनशक्ति को बढ़ाती है।

🤔गुड़ के दुष्प्रभाव क्या है?

👉अधिक मात्रा में यह शरीर के वजन को बढ़ाता है।

👉लंबे समय तक इस्तेमाल से आंतों में कीड़े हो सकते हैं।


👉आयुर्वेद में मछली के साथ, मूली के साथ गुड का प्रयोग न करने की सलाहदी गयी है।


👉दूध के साथ गुड़ की परहेज करें।

🤔क्या रोजाना गुड़ का सेवन करना अच्छा है?
👉नहीं, क्योंकि इससे वजन बढ़ता है, कफ जमा होता है, भोजन में स्वाद कम होता है, पाचन शक्ति कम होती है और आंतों में कीड़े भी हो सकते हैं।
गुड़ एक साल पुराना खाए।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

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