
👉बच्चे, जवान हो या बूढ़े सभी को द्राक्षा या किशमिश पसंद होती है।
🍇आयुर्वेद के अनुसार यह सबसे उत्तम फल है।
🍇यह मीठे और छोटे सूखे और सिकुड़े हुए अंगूर होते हैं।
🍇प्राचीन काल से भारतीयों को इसके लाभों के बारे में पता है इसीलिए यह नियमित आहार का हिस्सा हुआ करता था।
🍇इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी किया जाता है।
🌷द्राक्षा के आयुर्वेदिक गुण
👉यह स्वाद में मीठे होते है।
👉शक्ति में ठंडा होते है।
👉यह पचने के लिए गुरु (भारी) होते होते है।
👉वात और पित्त को शांत करती है (किशमिश की मीठी किस्म खट्टी नहीं ), कफ को बढ़ाती है।
🌷द्राक्षा स्वास्थ्य लाभ
✅द्राक्ष भूख में सुधार करती है।
✅आसान मल त्याग में मदद करती है, कब्ज, गैस्ट्र्रिटिस और बवासीर से राहत देती है।
✅यह अत्यधिक प्यास लगने से राहत देती है।
✅मुंह के छाले, मुंह का कड़वा स्वाद और मुंह सूखने को ठीक करने में सहायक है।
✅मतली और उल्टी में उपयोगी है।
✅यकृत विकारों में उपयोगी है।
✅यह हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करती है।
✅त्वचा के लिए अच्छी है, त्वचा को डिटॉक्सिफाई करती है, त्वचा के रूखेपन को ठीक करता है, झुर्रियों को होने से रोकती है, त्वचा की जलन और त्वचा की एलर्जी में इसका सेवन उपयोगी है।
✅बुखार में उपयोगी है।
✅इसका उपयोग श्वसन विकारों जैसे खांसी, सर्दी, दमा, सांस की तकलीफ आदि में किया जाता है। यह श्वसन प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह सांस की समस्याओं के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के मुख्य घटक में से एक है।
✅सामान्य दुर्बलता में उपयोगी थकान, रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार और पोषण प्रदान करती है।
✅यह आयरन से भरपूर होती है और हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करती है।
✅द्राक्षा मेध्य है, मस्तिष्क टॉनिक के रूप में कार्य करती है, याददाश्त में सुधार करती है और मन को शांत करती है।
✅यह आँखों के लिए अच्छी है।
✅अत्यधिक शराब के कारण हैंगओवर से राहत देती है, यह नियमित शराब पीने वालों के लिए अच्छी है क्योंकि यह शराब के प्रभाव को कम करती है।
✅द्राक्षा गले के लिए अच्छी है, गले को आराम देती है, कर्कश आवाज से राहत देती है और आवाज में सुधार करती है।
✅मूत्र संबंधी समस्याओं में उपयोगी है क्योंकि यह मूत्र के बहिर्वाह को बढ़ावा देती है।
✅पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता में सुधार करती है।
✅बच्चों के लिए अच्छी है, यह उनके वजन में सुधार करती है और बच्चों में कब्ज से भी राहत दिलाती है।
✅अत्यधिक गर्मी से संबंधित समस्याओं जैसे रक्तस्राव विकार, जलन, क्रोध, प्यास और अल्सर के लिए सर्वश्रेष्ठ है ।
✅जोड़ों में उम्र से संबंधित दर्द, कब्ज, शारीरिक और मानसिक कमजोरी के लिए सर्वश्रेष्ठ है।
🤔द्राक्ष का उपयोग कैसे करें?
👉सीधे सेवन किया जा सकता है।
👉इसे खीर, हलवा आदि मीठे व्यंजनों में डाला जा सकता है.
👉इसे रात भर भिगोकर अगली सुबह खाली पेट सेवन किया जा सकता है।
👉15-20 किशमिश एक दिन में ली जा सकती है।
🍇️इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स उच्च होता है, इसलिए इसे कम मात्रा में सेवन करना चाहिए, दालचीनी और इलायची के साथ इसका उपयोग ग्लाइसेमिक इंडेक्स को कम करने में मदद करता है।
️ गहरे रंग की किशमिश का प्रयोग करें।