
अंजीर
🌻यह वात और पित्त को संतुलित करने वाला फल है।
🌻अंजीर पचाने में भारी और प्रकृति में ठंडा होता है।
👉निम्नलिखित स्थितियों में इसका सेवन करना चाहिए-
✅शरीर में अत्यधिक गर्मी होने पर , मेनोपॉज़ के समय होने वाले हॉट फ्लाशेस से यह राहत देता है।
✅रक्तस्राव विकार, नाक से खून आना, मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव और गुदा से खून आना की स्थिति में यह उपयोगी है।
✅कब्ज और बवासीर में अंजीर का सेवन लाभकारी है।
✅उच्च रक्तचाप, उच्च रक्तवसा का स्तर और हृदय गती ठीक बनाए रखने के लिए यह उपयोगी है ।
✅यकृत (Liver) की रक्षा के लिए अंजीर अच्छा है।
✅दिल की रक्षा के लिए अंजीर खाए।
✅पित्त दोष के कारण त्वचा संबंधी होने वाली समस्यायों में इसका सेवन करे।
✅हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार के लिए यह अच्छा है।
✅वजन, शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करने हेतु इसे खाए।
✅सिरदर्द में राहत देता है।
✅अत्यधिक क्रोध जिन्हें आता है उन्हें नियमित अंजीर खाना चाहिये।
✅अत्यधिक भूख पर नियंत्रण करने के लिए इसका सेवन करे।
✅यह बच्चों के लिए अच्छा होता है।
🤔 इसे कैसे इस्तेमाल करे❓
2-3 अंजीर को रात भर पानी में भिगोएँ और सुबह नाश्ते से पहले ले।
🌷वजन बढ़ाने के लिए इसे रात में दूध के साथ लेना चाहिए।