
☘️ जब भी हम पचने में हल्के खाने के बारे में सोचते है तो खिचड़ी या दलिया नाम ही दिमाग में आता हैं लेकिन आयुर्वेद में ऐसी कई व्यंजन/खाना बनाने की विधि (Recipes) हैं जो पचने में हल्की, पोषण देने वाली और पुनः शक्ति हासिल करने में मददगार हैं।
☘️ इन्हीं में से एक व्यंजन (Recipe) है पेया।
☘️ यह निम्नलिखित परिस्थितियों में उपयोगी होती है।
✅ जब कोई बीमार हुआ ही या बीमारी से उबर रहा हो।
✅ कमजोर पाचन क्रिया।
✅ कम भूख लगना।
✅ दस्त।
✅ कब्ज।
✅ अत्यधिक प्यास लगना और मुंह सूखना।
✅ बुखार, थकान और कमजोरी।
✅ वात विकार
✅ बूढ़े लोग
✅ बच्चे
👉 पेया तैयार करने की विधि बहुत ही सरल और आसान है। इसे दो तरह से तैयार किया जा सकता है –
- चावल (1 भाग) लेकर इसे पानी (6 भाग या 14 भाग) में डालकर ठीक से पकाएं। यह अर्ध-ठोस संगति (Semisolid Consistency) का होना चाहिए।
इसमें काली मिर्च, सेंधा नमक, धनिया, सोंठ, घी और अन्य जड़ी बूटियाँ आवश्यकतानुसार मिलाई जा सकती हैं। 🌸🌺
2.दूसरी विधि में 800 मिलीलीटर पानी लें और इसमें अदरक, काली मिर्च, धनिया और जीरा (सभी 5 ग्राम) मिलाएं फिर पानी को आधा (400 मिलीलीटर) होने तक उबाले तत्पश्चात इस पानी को छान लें और चावल (लगभग 50 ग्राम) को पकाने के लिए इस काढ़े/पानी का उपयोग करें।👍
👉 इसे ताज़ा ही बनाए और थोड़ा गर्म ही इस्तेमाल करे।
👉 यह संगति में मोटी (Thick in Consistency) नहीं होनी चाहिए।
👉 यह जानने के लिए कि आप किन जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैं आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करे। वह आपकी आवश्यकता के अनुसार आपको सुझाव देंगे।