क्यों किसी विशेष भोजन या स्वाद की तीव्र इच्छा होती है?इसे कैसे नियंत्रित करे?

क्रेविंग या लालसा

🤔भोजन की लालसा क्या है ??

👉भोजन की लालसा कुछ विशेष स्वाद वाले भोजन को खाने की तीव्र इच्छा है। 🍟 🍲🍩

👉यह स्वाद में मीठा, खट्टा, नमक, कड़वा, तीखा और कसैला के प्रति हो सकती है।🙄

👉क्रेविंग शरीर का संदेश है कि वह विशेष स्वाद वाला भोजन चाहता है।
👉 यह जंक फूड,अल्कोहल, सिग्रेट ,चाय, कॉफी आदि के लिए भी हो सकती है।

🤔क्रेविंग का कारण क्या है ??

🌺 यह असंतुलन और कमी के कारण उत्पन्न होती है।✅
🌺मौसमी प्रभाव के कारण। 🌄
🌺उम्र और शरीर के प्रकार के प्रभाव के कारण।👍
🌺 रोग की स्थिति के कारण। 👍
🌺गर्भावस्था में यह सामान्य है।
🌺विभिन्न मानसिक स्थिति के कारण।

👉 अब ज्यादातर लोग क्रेविंग के महत्व को नही समझते तो इससे कैसे बचें यह भी नही समझ पाते, यह असंतुलित अग्नि और दोष को संतुलित करने की मांग का संकेत देने का एक शारीरिक तरीका है।

👉 क्रेविंग या किसी वस्तु की तलब हमें संतुलन बहाल करने के लिए मार्गदर्शन करती है लेकिन कभी-कभी यह रोग संबंधी स्थितियों के कारण भी उत्पन्न होती है जैसे कि कम चयापचय वाले व्यक्ति को मीठे और चाय, कॉफी की इच्छा होती हैं,मानसिक तनाव में शराब या सिगरेट की इच्छा हो सकती है।

👉क्रेविंग के प्रकार से असंतुलन के कारण की पहचान करने और संतुलन बहाल करने में मदद मिलती है।

👉क्रेविंग का अर्थ है कि शरीर को अधिक कोमल तत्वों, अधिक अग्नि तत्वों और अधिक वायु तत्वों की आवश्यकता है जो मौसम और व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है।

🌺 क्या आपने देखा है कि जब आप तनाव में होते हैं तो आप मीठे स्वाद की इच्छा होती हैं, जब आप आलस महसूस करते हैं तो आप मसालेदार भोजन की इच्छा करते हैं और जब आपको भूख लगती है तो आप नमकीन, कुरकुरे चीज खाना चाहते हैं।

🤔ऐसा क्यों होता है ??

👉तनाव, चिंता, उदासी, चिंता और असुरक्षा की स्थिति में शरीर में वात की वृद्धि होती है और उस शरीर में संतुलित करने के लिए स्वाभाविक रूप से मीठे स्वाद वाली चीजें जो भारी, पौष्टिक, सुखदायक और वात के गुणों के विपरीत संतुष्टि देने वाली होती की इच्छा होती हैं।🌷🌷
👉जब आप ऊर्जा में कमी महसूस करते हैं, आलस्य और उदास होते है तब कफ दोष असंतुलित हो जाता है और उस संतुलन के लिए शरीर मसालेदार भोजन या कैफीन पेय की मांग करता है। 🌷🌷🌷

👉भूख में पित्त और वात अधिक होता है, नमकीन स्वाद वात को अपनी तीखी और गर्म प्रकृति के साथ संतुलित करता है और भोजन के उचित पाचन के लिए भूख में सुधार करता है। 🌷🌷

🤔🤔यह पता होते भी को जंक फूड , चॉकलेट,केक , अल्कोहल, सिगरेट जेसी चीजे स्वास्थ्य के लिए हानि कारक उसकी इच्छा क्यों होती है??

👉आधुनिक तेज और तनावपूर्ण जीवन में वायु आसानी से असंतुलित हो जाती है, इसलिए बहुत से लोग इसे संतुलित करने के लिए चॉकलेट और अन्य अस्वास्थ्यकर चीजें खाते हैं, लेकिन अस्वास्थ्यकर भोजन में पोषण की कमी होती है, जिसके कारण बड़ी मात्रा में खाने के बाद भी आपको असंतुष्टता रहती है और उन्हें आप जितना भी खा लो उतना ही और अधिक खाने की इच्छा होती है।🌼🌼🌼🌻

👉 किसी विशेष भोजन की इच्छा मौसम, दिन का समय, उम्र और शरीर के प्रकार पर भी निर्भर करती है जैसे बरसात के मौसम में हम तले हुए भोजन की, सर्दियों में मीठे और भारी भोजन की, गर्मियों में मीठे और हल्के भोजन की इच्छा होती हैं। ☘️☘️☘️☘️

👉वात व्यक्ति को सूखा, हल्का भोजन, पित्त मसालेदार और कफ व्यक्ति को भारी और मीठी चीजें पसंद होती हैं, लेकिन दोष को संतुलित करने के लिए उनके पास विपरीत प्रकृति की चीजें खानी चाहिए।🌱🌱🌱🌹

🌺अत: क्रेविंग को बलपूर्वक नियंत्रित करने के स्थान पर हमें इसके कारण को समझना चाहिए और शरीर को स्वस्थ के लिए हितकर मीठा, खट्टा, नमकीन और मसालेदार भोजन देना चाहिए। ✅👍

🤔हमे बरसात के मौसम में तली हुई भजिया या पकौड़े की इच्छा क्यू होती हैं ??
👉बारिश के मौसम में शरीर वात का प्रकोप होता है हो जाता है जिसे संतुलित करने के लिए तैलीय और नमकीन चीजों की इच्छा होती है इसलिए बरसात के मौसम में तला हुआ नाश्ता वास्तव में शरीर के लिए अच्छा होता है, लेकिन फिर से स्नैक्स तैयार करने में प्रयुक्त सामग्री और खपत की मात्रा के बारे में सावधान रहें।

🤔तो खाने के बाद मिठाई की इच्छा भी अच्छी है?

👉 नहीं, क्योंकि भोजन करने के बाद शरीर में कफ अधिक होता है और इस स्थिति में यदि कोई मीठा लेता है तो शरीर में कफ और अधिक हो जाता है जो अग्नि और पाचन को बिगड़ देता है, यह असंतुलित अग्नि सभी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन जाती है।

🤔खाना खाने के तुरंत बाद मीठी लालसा से बचने के लिए क्या किया जा सकता है ??

✅भोजन के बाद छाछ में भुना जीरा, सेंधा नमक और पुदीने के पत्ते मिलाकर सेवन करें।
✅सौंफ चबाए।
✅पान चबाए
✅ अत्यधिक मसालेदार भोजन से बचें
भोजन पर पूरा ध्यान लगाकर और कृतज्ञता के साथ भोजन करना।
✅शांतिपूर्ण व्यवहार करे।
✅मधुर संगीत सुनें
✅स्नान से पहले तेल की मालिश करें
✅नियमित व्यायाम
✅ प्राकृतिक सुखदायक मीठी सुगंध का प्रयोग करें।

🤔किस व्यक्ति को किसी विशेष भोजन की इच्छा या तलब नहीं होती है ??
✅संतुलित और संतुष्ट व्यक्ति विशेष स्वाद वाले भोजन की लालसा नहीं करते है।

🤔संतुलन और संतुष्टि कैसे प्राप्त करें ??
👉 आयुर्वेद के भोजन संबंधी नियम पालन करके।दिनचार्य, ऋतुचर्या और सद्वृत्ता का पालन करके।इनका पालन करने से शारीरिक और मानसिक दोष संतुलित रहते है।

Published by Dr. Amrita Sharma

I am an ayurvedic practitioner with experience of more than a decade, I have worked with best ayurvedic companies and now with the purpose of reaching out people to make them aware about ayurveda which is not just a system of treatment but a way of living to remain healthy

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