
सिंघाड़ा (Water Chestnut) को श्रृंगटक के रूप में भी जाना जाता है। इसके फलों पर काँटा शृंग (सींग) जैसा होता है इसलिए इसे संस्कृत में श्रृंगटक के नाम से जाना जाता है। यह एक कंद है जो पानी में उगता है। इसके कई स्वास्थ्य लाभों के कारण इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है।
☘️यह स्वाद में मीठा और कसैला होता है। प्रकृति में भारी और सूखा। शक्ति में ठंडा और पित्त दोष को संतुलित करता है।
☘️यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और खनिजों (कैल्शियम, फास्फोरस, सल्फर, आयोडीन सोडियम, मैग्नीशियम और आयरन आदि) से भरपूर है। भारत में उपवास के दौरान इसका उपयोग किया जाता है क्युकी यह पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
☘️मांसपेशियों की कमजोरी में यह पोषण पूरक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह शरीर को ताकत देता है। 💪
☘️ यह वजन कम करने में मदद करता है लेकिन कम मात्रा में इसका उपयोग करना चाहिए।
☘️यह शक्ति में ठंडा होता है इसलिए रक्तस्राव विकारों (नाक से खून बहना, माहवारी में अधिक रक्तस्राव होना) और जलन, Gastritis या मूत्र में जलन की समस्या, मूत्र प्रतिधारण और अत्यधिक प्यास लगने में उपयोग किया जाता है।
☘️दस्त और IBS में उपयोगी।
☘️दिल के लिए अच्छा होता है। रक्तचाप को नियंत्रित करता है।
☘️महिलाओं की प्रजनन क्षमता में वृद्धि, गर्भधारण में सहायक, गर्भपात को रोकना, बच्चे को स्वस्थ और मजबूत बनाना, स्तनों में दूध बढ़ाने में उपयोगी होता है।
☘️थायराइड की समस्याओं में उपयोगी।
☘️शुक्राणु की मात्रा और गुणवत्ता को बढ़ाता है। यौन शक्ति बढ़ाने में उपयोगी है।
☘️त्वचा के लिए अच्छा है। झुर्रियों को रोकता है। त्वचा के सूखापन को कम करता है और पराबैंगनी किरणों से बचाता है।
☘️बालों को मजबूत बनाता है।
☘️फटी ऎडियों को ठीक करता है।
☘️थकान को दूर करता है।
☘️ सूजन को कम करता है।
☘️उन लोगों के लिए भी उपयोगी है जो वजन बढ़ाना चाहते हैं।
🤔क्या इसका कोई दुष्प्रभाव है ❓❓
👉इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है लेकिन पचने में भारी होने के कारण इसका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए।
👉कब्ज होने पर इसके सेवन से बचें।
👉अधिक मात्रा में इसका उपयोग करने से वजन बढ़ सकता है।
👉इसको खाने के तुरंत बाद पानी नहीं पीना चाहिए।
🤔इसका उपयोग कैसे करें?
✅इसके आटे की चपाती और हलवा बना कर ले सकते है।
✅इसको कच्चा या इसके फल को उबाल कर उसका गुदा खाने में उपयोग कर सकते है।