🌺पंचामृत
🙂यदि आप कभी किसी हिन्दू धार्मिक समारोह में गए होगे तो आपको पता होगा कि पूजा के बाद पंचामृत भक्तों को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।
🙂 यह पहली चीज है जो भगवान को अर्पित की जाती है जो इसका महत्व दर्शाता है।🙏😇
🌺 पंच + अमृत अर्थात् यह 5 अमृत का संयोजन है।👍
👉 प्रत्येक 5 अवयव अच्छाई से भरे हुए हैं और जब वे एक साथ जुड़ते हैं तो इनका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। 🤗
👉 पंचामृत शरीर के सभी 7 धातुओं( रस,रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और शुक्र) का पोषण करता है। 💪
👉 यह सभी 3 दोषों को संतुलित करता है।👉 इससे शरीर की ओज बढ़ता है।🌹
👉 यह प्रतिरक्षा में सुधार करता है, शरीर ,दिमाग और मन को मजबूत बनाता है। 😊
👉यह त्वचा के लिए अच्छा है, यह रंग में सुधार करता है, त्वचा को नरम और चमकदार बनाता है ।😎
👉यह बालों और हड्डियों के लिए अच्छा है। 😍
👉 यह हाइपरसिटी से छुटकारा दिलाता है। 👉यह पुरुषों और महिलाओं दोनों की प्रजनन क्षमता में सुधार करता है।
👉 यह गर्भवती महिला को जरूर लेना चाहिए क्योंकि यह भ्रूण और मां दोनों के लिए पौष्टिक है, इसे गर्भावस्था के पहले से नौवें महीने तक सुबह में लेना चाहिए।🤰
🤔 पंचामृत कैसे बनाये?
🌺एक व्यक्ति के लिए सामग्री
- दूध ( गाय का दूध) – 5 चम्मच
- घी (गाय का घी) – 2 चम्मच
- दही (ताजा और घर का बना) 1 चम्मच 4.शहद 1 चम्मच
- चीनी (जैविक या मिश्री) 1 चम्मच। सभी सामग्रियों को चांदी की कटोरी में लें (स्टील या कांच का बर्तन भी इस्तेमाल किया जा सकता है) और उन्हें अच्छी तरह मिलाएं।
🤔पंचामृत लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?
इसे सुबह खाली पेट लेना चाहिए। I
🤔 क्या ड्राई फ्रूट्स और तुलसी को इसमें मिला सकते है?
👉 हां।
🤔-किस उम्र में लिया जा सकता है?
1 वर्ष की आयु से लेकर पूरे जीवनकाल तक इसे लिया जा सकता है।
- बनने के बाद पंचामृत का उपयोग कुछ घंटों के भीतर कर लेना चाहिए।